राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर लालू परिवार पर हमला बोला है. मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव को न जनता की अदालत पर भरोसा है, न न्यायपालिका पर इसलिए वो हमेशा तांत्रिकों और बाबाओं के संपर्क में रहते हैं. उन्होंने कहा कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू यादव ने आधी सजा भी जेल में नहीं काटी इसलिए कोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. उनकी पार्टी के अनुभवहीन वंशवादी उत्तराधिकारियों को बिहार की जनता ने लगातार दो चुनावों में नकार दिया. वो तांत्रिक से पूछ कर कुर्ते का रंग तय करते हैं, लेकिन यह नहीं पूछते कि किसी गरीब को कुली-चपरासी की नौकरी देने के बदले उसकी जमीन लिखवानी चाहिए या नहीं.
दरअसल रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर उत्तर प्रदेश के चुनार-मिर्जापुर से स्वामी श्री श्रद्धानंद महाराज आए थे. उन्होंने राबड़ी देवी से मुलाकात कर उन्हें गीता और प्रसाद दिया था. श्रद्धानंद महाराज अपने गुरू के द्वारा भेजे प्रसाद को यहां पहुंचाने आए थे. उन्होंने कहा कि लालू यादव उनके गुरुजी के शिष्य हैं. वो स्वामी जी के आश्रम हमेशा जाते रहे हैं. इसको लेकर ही सुशील मोदी ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू-राबड़ी एक तरफ नास्तिक वामपंथियों के ‘सेक्यूलर-प्रगतिशील’ दोस्त हैं, तो दूसरी तरफ बाबाओं के चरणपूजक अंधभक्त. लालू यादव का दोहरा चरित्र सबके सामने है.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी का खाता तक नहीं खुला और हालिया संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी छह सीटें गंवा कर 75 सीटों पर आ गई. किसी भी हथकंडे से सत्ता पाने की बेचैनी ने उन्हें जनादेश स्वीकार नहीं करने दिया. सुमो ने कहा कि लालू यादव कभी विधायक तोड़ने, तो कभी किसी राजनीतिक दल को झूठे ऑफर देने का पासा फेंकने में जुटे हैं.