पाकिस्तान में जनरल आसिम मुनीर के फील्ड मार्शल बनने के बाद शहबाज शरीफ की सरकार के अस्तित्व को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। क्या शहबाज शरीफ की सरकार के दिन गिनती के हैं? क्या फील्ड मार्शल आसिम मुनीर मार्शल लॉ लगा देंगे? शहबाज शरीफ को कुर्सी से हटा देंगे? पाकिस्तान में इस तरह की आवाजें हर तरफ सुनाई दे रही हैं। लोग पाकिस्तान के इतिहास की याद दिलाते हैं, जो इसी तरह के सत्ता परिवर्तन की तरफ इशारा करती है।
ज्यादातर लोग मानते हैं कि जनरल मुनीर ने अपना प्रमोशन खुद कर लिया। कैबिनेट और प्रधानमंत्री उनके हाथ की कटपुतली हैं। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि जनरल मुनीर पर्दे के पीछे से सरकार चलाते रहेंगे, फौजी शासन लगाने से बचेंगे क्योंकि फौजी सरकार को इमरान खान की पार्टी से चुनौती मिल सकती है। पाकिस्तान में हमेशा से फौज ही सरकार चलाती है। जो एक बार फील्ड मार्शल बन गया, उसे हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इस ओहदे पर पहुंचने से पाकिस्तान में आसिम मुनीर की ताकत बढ़ गई है।
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल पर किसी अदालत में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। यानी आसिम मुनीर अब कुछ भी करें, उन पर मुकदमा नहीं चलेगा। वह पाकिस्तान के कानून से ऊपर हो गए हैं। पाकिस्तान के 78 साल के इतिहास में फील्ड मार्शल बनने वाले आसिम मुनीर दूसरे शख्स हैं। इससे पहले 1959 में सरकार का तख़्तापलट करके सत्ता हथियाने वाले अयूब ख़ान ने खुद को फील्ड मार्शल की रैंक दे दी थी।
आर्मी चीफ के तौर पर आसिम मुनीर का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म होने वाला है लेकिन ये तय है कि मुनीर को एक्सटेंशन मिलेगा और वो 2027 तक पाकिस्तानी फौज के चीफ बने रहेंगे। जेल में कैद इमरान खान की बहन अलीमा ख़ान ने कहा कि शहबाज़ शरीफ़ को चाहिए था कि वो आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल की बजाय पाकिस्तान का बादशाह घोषित कर देते।
जनरल आसिम मुनीर ने जो हासिल किया वो दुनिया में आज तक किसी आर्मी अफसर को नहीं मिला। भारत ने पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकी अड्डे तबाह कर दिए, मुनीर को इसके लिए मेडल मिला। पाकिस्तान के 11 एयरबेस भारतीय वायु सेना ने बर्बाद कर दिए, इसके लिए मुनीर को प्रमोशन मिला। पाकिस्तान का सारा एयर डिफेंस सिस्टम नेस्तनाबूद हो गया, इसके लिए मुनीर को एक्सटेंशन मिला। पाकिस्तान के 800 ड्रोन हवा में मार गिराए गए, इसे मुनीर का जीत घोषित कर दी गई। मुनीर की फौज के सैकड़ों सैनिक मारे गए, इसके लिए उन्हें प्रमोशन मिला। जनरल मुनीर ने DGMO से फोन करवाकर सीजफायर की गुहार लगाई, पाकिस्तान को तबाही से बचा लिया, इनाम में उन्हें फील्ड मार्शल बनाया गया।
इतनी सारी विफलताओं के बाद हर फ्रंट पर फेल होने के बाद, इतना बड़ा प्रमोशन सिर्फ पाकिस्तान में ही मिल सकता है। क्योंकि यहां जनरल खुद अपने आप को प्रमोट करते हैं। अब सिर्फ इंतजार इस बात का है कि फील्ड मार्शल बनने के बाद जनरल मुनीर अपने आप को किस पद पर प्रमोट करेंगे? वो शहबाज शरीफ को हटाकर सत्ता कब हाथ में लेंगे? क्योंकि शहबाज शरीफ तो अब आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के ओहदे से नहीं हटा सकते, लेकिन आसिम मुनीर जब चाहें शहबाज शरीफ को वजीरे आज़म की कुर्सी से पटक सकते हैं।