ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को भारत की तरफ से दी गई जानकारी पर राहुल गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं। शुक्रवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये (जानकारी शेयर करना) समझौता तो 1994 में कांग्रेस सरकार में हुआ था। ऐसे में असली देशद्रोही तो कांग्रेसी हैं।
निशिकांत ने कहा कि, 1991 में कांग्रेस ने चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया था तब भारत-पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ था। 1994 में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार आई तो ये समझौता लागू हुआ। इसके तहत सेना, नौसेना कहां तैनात होगी और वायु सेना कैसे काम करेगी। ये बातें दुश्मन देश से शेयर की जाती थीं।
भाजपा सांसद ने सवाल किया कि, क्या ये सारी बातें देशद्रोह नहीं हैं? कांग्रेस ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए देश को धोखा दिया। भारत को देशद्रोह का मामला शुरू करना चाहिए और उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए जिन्होंने यह समझौता किया।
दरअसल राहुल गांधी ने 19 मई को सोशल मीडिया पर लिखा था कि सैन्य कार्रवाई से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी देना अपराध है। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा कि सरकार ने ऐसा किया। उन्हें किसने अधिकार दिया? इसके चलते हमें वायुसेना को कितने विमान गंवाने पड़े?
राहुल ने पहले 17 मई फिर 19 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर पर निशाना साधा था।
दिल्ली: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट पर कहा, “सवाल हमारी सरकार और आपकी(कांग्रेस) सरकार का नहीं है, सवाल यह है कि 1947 से हम पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र मानते हैं, 78 साल से कश्मीर के मुद्दे पर हमारी उनके साथ लड़ाई चल रही है। हमारे कश्मीर के हिस्से को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में कर रखा है। उसके बावजूद आप(कांग्रेस) छूट देते रहे, चाहें 1950 का नेहरू लियाकत समझौता हो, 1960 का सिंधु जल समझौता हो या 1975 का शिमला समझौता… हम संसद में भी रक्षा की रणनीति के विषय पर चर्चा नहीं करते…लेकिन 1991 में जब आप(कांग्रेस) चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे रहे थे और 1994 में जब पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार थी, तब इसे (समझौते को) लागू किया गया और आपने लिखा कि सेना, नौसेना कहां तैनात होगी और वायु सेना कैसे काम करेगी। ये सारी बातें क्या देशद्रोह नहीं है? कांग्रेस ने क्या वोटबैंक की राजनीति के लिए धोखा नहीं किया?… मुझे लगता है कि भारत सरकार को इसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए… इस देश के बाहर के तत्वों से तो लड़ाई जारी है लेकिन देश के भीतर के ऐसे तत्वों पर भी कार्रवाई करने का समय आ गया है।”