पहलगाम टेररिस्ट अटैक में मंगलवार को बड़ी जानकारी सामने आई है। इंटेलिजेंस एजेंसी के मुताबिक इस हमले का मास्टर माइंड पाकिस्तान का पूर्व SSG कमांडर हाशिम मूसा है। सूत्रों ने बताया कि मूसा अभी लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है।
लश्कर ने ही उसे जम्मू-कश्मीर भेजा था ताकि वह सुरक्षा बलों और गैर-कश्मीरियों पर हमलों को अंजाम दे सके। मूसा ने गांदरबल के गगनगीर में अक्टूबर 2024 में हमले को अंजाम दिया था। इसमें कई मजदूर और एक स्थानीय डॉक्टर की जान गई थी। बारामूला अटैक भी मूसा ने कराया था, जिसमें 2 आर्मी जवानों और 2 पोर्टर्स की जान गई थी।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना भी लगातार सीजफायर वॉयलेशन कर रही है। लगातार पांचवें दिन पाकिस्तानी सेना ने LoC पर फायरिंग की।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी मूल का हाशिम मूसा उर्फ आसिफ फौजी उर्फ सुलेमान पहले पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स एसएसजी (स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप) का कमांडो था. पाकिस्तानी सेना में रहने के चलते ही उसे आसिफ ‘फौजी’ के नाम से भी जाना जाता था. सुरक्षा एजेंसियां पता करने में जुटी हैं कि एक-डेढ़ साल पहले जिस ग्रुप ने पुंछ राजौरी में घुसपैठ की थी, क्या ये वही है. दिसंबर 2023 में पुंछ में सेना के काफिले पर हमला किया और सैनिक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. ये इसी के ग्रुप की करतूत हो सकती है.
पहलगाम हमले में तीन आतंकवादियों की हुई पहचान
इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है. ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है. इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं.
जानें कौन था पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता
सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है. जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है.
सेना के कपड़े पहनकर आए थे आतंकी
इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे. हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोकल आतंकियों पर भी कार्रवाई की जा रही है.
हाशिम मूसा का पाकिस्तानी कनेक्शन
अंग्रेजी अखबारी ईटी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हाशिम मूसा फिलहाल पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के इशारों पर काम करता है. वह एक कट्टर आतंकवादी है. लश्कर में बैठे मास्टरमाइंडों ने ही पर्यटकों पर आतंकी हमले के लिए उसे जम्मू-कश्मीर भेजा था. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप ने आतंकी हमले के लिए उसे कुछ दिन के लिए लश्कर को सौंपा है.
हाशिम मूसा की क्राइम कुंडली
हाशिम मूसा के पाकिस्तानी सेना में होने की जानकारी 15 ओवरग्राउंड वर्करों से पूछताछ के दौरान सामने आई है. मूसा सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले में ही शामिल नहीं रहा. अक्टूबर 2024 में गंदरबल और बारामूला में हुए आतंकी हमलों के पीछे भी उसका हाथ था. इस हमले में 11 लोग मारे गए थे. जांच में पता चला है कि 15 ओवरग्राउंड वर्करों ने ही कथित तौर पर पहलगाम के आतंकियों को निर्देश दिए और उनके लिए रसद की व्यवस्था की. सेना की तलाशी अभियान लगातार जारी है.
पाकिस्तानी आतंकी पर 20 लाख का इनाम
पहलगाम ने अन्य आतंकियों के साथ ही हाशिम मूसा पर भी 20 लाख रुपये का इनाम रखा गया है. बता दें कि पहलगाम का खूबसूरत मैदान 22 अप्रैल को आतंकियों की गोलीबारी से दहल गया था. इस घटना में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हुए थे.
पर्यटक बोले- कश्मीर हमारा, आर्मी यहां है, सब सेफ
डोडा के भदरवाह में मंगलवार को टूरिस्ट की भीड़ नजर आई। कई पर्यटकों ने यहां जमकर मस्ती की। पर्यटकों ने यहां पर तिरंगा भी फहराया। हालांकि राज्य सरकार ने सुरक्षा कारणों के चले 80 टूरिस्ट प्लेसेस में से 48 को बंद कर दिया है।