भारत निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में सक्रिय है। राज्य में 2 मई से ईवीएम की जांच शुरू होगी और बूथों के मानक बदल दिए गए हैं। पहले हर बूथ पर 1500 मतदाता थे लेकिन अब 1200 मतदाता होंगे जिससे बूथों की संख्या बढ़कर लगभग 92000 हो जाएगी। चुनाव के लिए अतिरिक्त ईवीएम की मांग की गई है।
भारत निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गया है। आयोग के निर्देश के बाद राज्य में 2 मई से 30 जून तक जिलों में ईवीएम की कंट्रोल यूनिट (सीयू), बैलेट यूनिट (बीयू) और वीवीपैट की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) शुरू हो जाएगी।
आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए बूथों का मानक बदल दिया गया है। पहले हर बूथ पर 1500 मतदाताओं के मतदान की व्यवस्था होती थी। अब नए मानकों के अनुसार 1200 मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया जाएगा। वर्तमान में राज्य में 77895 बूथ हैं। अब बूथों की संख्या बढ़कर लगभग 92000 हो जाएगी।
इसको लेकर भारत निर्वचान आयोग से 1200 प्रति बूथ मानक के अनुसार 16 हजार कंट्रोल यूनिट, 17 हजार वीवीपैट और 22 हजार बैलेट यूनिट की मांग की गई है। वर्तमान में लगभग 1 लाख से अधिक ईवीएम जिलों के बज्रगृहों में भंडारित की गई है। ईवीएम का एफएलसी चरणवार तरीके से किया जाएगा।
इसका कार्यक्रम जिलों को भेज दिया गया है। शीघ्र ही सभी जिलों में जिलाधिकारियों के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रथम स्तरीय जांच में कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट एवं वीवीपैट की बैट्री और उसके सभी फंक्शन की जांच की जाएगी। यह सभी काम जिलाधिकारी के निरीक्षण में किया जाएगा।
वर्तमान में राज्य में करीब 1 लाख 10 हजार के करीब ईवीएम हैं। सभी ईवीएम लोकसभा चुनाव के पहले मंगाई गई थीं। एम-3 मॉडल की इन सभी मशीनों का पहली बार लोकसभा चुनाव 2024 में प्रयोग किया गया था।
20 प्रतशित अधिक ईवीएम की जरूरत
चुनाव कराने के लिए मतदान केंद्रों से 20 प्रतशित अधिक ईवीएम की जरूरत होती है। इस जरूरत को ध्यान में रखकर मतदान केंद्रों के हिसाब से जिलों को ईवीएम आवंटित करने की तैयारी चल रही है। ताकि, मशीन की कोई कमी नहीं हो। सभी जगह फर्स्ट लेबल जांच में खराब मशीन को हटाने के बाद भी चुनाव आयोग के मानक को पूरा किया जा सके।