उत्तराखंड में भारी बर्फबारी के बीच सड़क निर्माण कर रहे कई मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आ गए और कंटेनर में फंस गए थे. चमोली में हुई इस दुर्घटना में फंसे 55 मजदूर में 47 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार 8 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं जिनको निकालने का प्रयास जारी है. इसी बीच देश के प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम धामी को फोन कर हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान की जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भारत- तिब्बत चीन सीमा पर माणा गांव में सड़क निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के बचाव के लिए चलाए जा रहे राहत अभियान के बारे में जानकारी दी। मोदी ने शनिवार सुबह धामी को फोन कर राहत एवं बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली। धामी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ़ोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली। साथ ही, उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली।
इस हादसे में फंसे 55 मजदूरों के नाम सामने आए हैं जिनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार के मजदूर हैं. बिहार के जो मजदूर इस दुर्घटना में फंसे हैं उनके नाम और आधार कार्ड नंबर के साथ कुछ के पते भी सामने आए हैं.इनकी पूरी सूची आगे दी गई है. बिहार के जो मजदूर फंसे हैं उनमें अभिनाश कुमार, इंद्रजीत कुमार भारती, अभिषेक आनंद, धीरज कुमार पासवान, मुन्ना प्रसाद, किशन कुमार, दिलीप कुमार, लड्डू कुमार पंडित, विजय पाल, जितेश कुमार और पिंटू कुमार के नाम शामिल हैं. हालांकि कई मजदूर ऐसे भी फंसे हुए हैं जिनके राज्यों की पुष्टि नहीं हो पाई है. इनमें से अभिनाश कुमार, इंद्रजीत कुमार भारती, अभिषेक आनंद, धीरज कुमार पासवान, मुन्ना प्रसाद, किशन कुमार, विजय पाल, जितेश कुमार के पते (एड्रेस) से संबंधित जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन, पिंटू कुमार बहुआरा खुर्द वार्ड नंबर 9 पश्चिम चंपारण के बताए जा रहे हैं. जबकि लड्डू कुमार पंडित कटिहार रौतारा थाना के सदलपुर गाव के बताए जा रहे हैं.
बिहार के मजदूरों के नाम और आधार नंबर
अभिनाश कुमार- 402806327794
इंद्रजीत कुमार -710667155573
अभिषेक आनंद- 245592187116
धीरज कुमार पसवान-639576337052
मुन्ना प्रसाद-477649517332
किसन कुमार-931749756725
दिलीप कुमार-708059905277
लड्डू कुमार पंडित-561085198139
विजय पाल-523448070700
जितेश कुमार-709086067096
पिंटू कुमार -942776583900
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के बीच चमोली के बद्रीनाथ के पास निर्माण कार्य हो रहा था. भारत-चीन सीमा के पर स्थित माणा गांव में शुक्रवार की सुबह ही एवलॉन्च यानी हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन के 55 मजदूर फंस गए. इनमें 33 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 22 को निकालने का प्रयास अभी जारी है. जानकारी के अनुसार, मजदूर जब कंटेनर में सो रहे थे इसी दौरान कंटेनर के ऊपर हिमस्खलन हो गया. अब तक की जानकारी के एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी जवानों के साथ स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. 33 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है वहीं भारी बर्फबारी के बीच रेस्क्यू करने में मुश्किलें आ रही हैं.
बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण, 65 से अधिक बचावकर्मी ऑपरेशन में जुटे- आपदा प्रबंधन सचिव
बचाव कार्य के दौरान सबसे बड़ी समस्या भारी बर्फबारी रही, जिससे 30 किलोमीटर लंबे रास्ते पर बर्फ जमा हो गई. इस कारण जोशीमठ से भेजी गई एसडीआरएफ (SDRF) की रेस्क्यू टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाई हुई. उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन वाले इलाके में करीब सात फीट तक बर्फ जमी हुई है. इसके बावजूद, 65 से अधिक बचावकर्मी ऑपरेशन में जुटे हुए हैं.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घायल बीआरओ श्रमिकों से मुलाकात की
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घायल बीआरओ श्रमिकों से मुलाकात की, जिन्हें माणा हिमस्खलन स्थल से बचाया गया और उन्हें सेना अस्पताल में इलाज के लिए जोशीमठ लाया जा रहा है.
बर्फ में दबे मजदूरों को निकालने के लिए सेना और ITBP की टीम लगातार जुटी हुई
रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार सुबह से ही जारी था, लेकिन शाम 6 बजे अंधेरा होने के कारण इसे रोकना पड़ा. शनिवार सुबह 7:30 बजे बचाव कार्य दोबारा शुरू किया गया. बर्फ में दबे मजदूरों को निकालने के लिए सेना और आईटीबीपी की टीम लगातार जुटी हुई है. शुक्रवार रात को निकाले गए मजदूरों को सेना के कैंप में प्राथमिक इलाज दिया गया, अबतक 6 गंभीर रूप से घायल मजदूरों को हेलिकॉप्टर से ज्योर्तिमठ स्थित आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.
हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू के लिए तीन टीमें तैनात
चमोली के माणा में हुए हिमस्खलन को देखते हुए एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से अलर्ट जारी करते हुए तीन हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू टीमों को जौलीग्रांट, सहस्रधारा और गोचर में तैनात किया गया। मौसम साफ होते ही टीमों ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू उपकरणों के साथ उड़ान भरी। गोचर और सहस्रधारा में आठ-आठ लोगों की दो टीमों और जौलीग्रांट मुख्यालय में बटालियन की दस लोगों की एक टीम को तैनात किया गया है। इन टीमों को सेटेलाइट फोन और बर्फ में रेस्क्यू के लिए जरूरी उपकरणों के साथ तैनात किया गया है। वहीं एसडीआरएफ में अलर्ट जारी किया गया। यदि घायलों को एम्स ऋषिकेश लाया जाता है तो इसके लिए ढालवाला की टीम को अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस महानिदेशक रिधिम अग्रवाल ने कहा कि हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू के लिए तीन टीमों को जरूरी उपकरणों के साथ तैनात किया गया। मौसम ठीक होने पर टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हुई। टीम में दक्ष जवानों को भेजा गया है।