वक्फ बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की सोमवार को हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगा। इससे नाराज विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। साथ ही स्पीकर को चिठ्ठी लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा।
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि कमेटी की कार्यवाही तय नियम के हिसाब से नहीं हो रही है। कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने एक प्रेजेंटेशन दिया, लेकिन यह बिल से जुड़ा न होकर कर्नाटक सरकार और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को बदनाम करने के लिए था।
अनवर ने अपने प्रेजेंटेशन में खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया, जिसका विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। दरअसल, मार्च, 2012 में वक्फ के 2.3 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिप्पाडी कमेटी ने तत्कालीन CM सदानंद गौड़ा को अपनी रिपोर्ट दी थी।
अनवर मणिप्पाडी उस समय कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के चेयरपर्सन थे। उन्होंने ही इस कमेटी की भी अध्यक्षता की थी। करीब आठ साल बाद सितंबर, 2020 में रिपोर्ट विधानसभा में रखी गई। उसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम थे।
वहीं, केरल विधानसभा ने सोमवार बिल के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार इसे वापस लेने का आग्रह किया है। वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे JPC को सौंपा था। कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के आखिर तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है।
वक्फ बिल पर JPC की चार बैठकें
22 अगस्त, पहली बैठक: कमेटी चेयरपर्सन बोले- सबकी बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होगी। सबकी बात सुनी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने कमेटी को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव के बारे में बताया।