कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों और ममता बनर्जी के बीच सोमवार को अहम बैठक हुई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से हाई-प्रोफाइल बातचीत के बाद राज्य के दो हेल्थ अफसरों और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के साथ ही एक अन्य पुलिस अधिकारी को हटा दिया. ममता बनर्जी डॉक्टरों की मांगों में से अधिकतर डिमांड पर मान गई हैं. बकौल ममता डॉक्टरों की 99 फीसदी मांगें मान ली गई हैं. इससे ज्यादा वो और कुछ नहीं कर सकतीं. ममता तो अब मान गई हैं, मगर धरती के भगवान अब भी मानने को तैयार नहीं हैं.
आरजी कर अस्पताल में हड़ताल की वजह से करीब 30 से अधिक मरीज की जान जा चुकी है, मगर ममता से बातचीत के बाद भी डॉक्टर हड़ताल खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. ममता बनर्जी और 30 डॉक्टरों के बीच सोमवार की शाम को बातचीत हुई. डॉक्टरों से मुलाकात के बाद ममता ने डॉक्टरों की पांच में से तीन मांगें मान लीं. वह स्वास्थ्य विभाग के दो टॉप अफसरों और कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने पर सहमत हो गईं. साथ ही शहर के उत्तरी क्षेत्र के पुलिस प्रमुख को भी हटा दिया गया, जहां आरजी कर अस्पताल स्थित है. मगर आंदोलन अभी भी खत्म नहीं हुआ है.
डॉक्टरों को किस चीज का इंतजार
आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर्स पिछले 38 दिनों से हड़ताल पर हैं. ममता बनर्जी से बातचीत के बाद भी डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म नहीं किया है. रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि जब तक बर्खास्त किए गए अधिकारियों को पूरी तरह से उनके पदों से नहीं हटाया जाता, वे अपना विरोध नहीं खत्म करेंगे. डॉक्टर्स प्रधान सचिव को भी हटाने की मांग कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि वे मंगलवार यानी आज अपना फैसला लेंगे. बताया जा रहा है कि ये डॉक्टर्स सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं. शायद इसके बाद भी अपना फैसला लेंगे. सुप्रीम कोर्ट में आज आरजी कर मामले पर सुनवाई है. सुप्रीम कोर्ट भी डॉक्टरों को हड़ताल खत्म करने को कह चुका है.
अभी हड़ताल खत्म नहीं
इधर, डॉक्टरों का कहना है कि अभी उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हुई हैं. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले में आंदोलनकारी डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद कहा कि मांगें पूरी होने तक काम बंद और प्रदर्शन जारी रहेगा. एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाया जाना हमारी नैतिक जीत है. जब तक मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं हो जाते, हम अपना काम बंद करके स्वास्थ्य भवन (स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय) पर प्रदर्शन जारी रखेंगे. हम आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले के संबंध में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं. सुनवाई के बाद एक बैठक करेंगे और अपना ‘काम बंद करने’ और प्रदर्शन पर फैसला करेंगे.
सीएम ममता बनर्जी और विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ दो घंटे से ज्यादा समय तक बैठक चली. डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार के सामने पांच सूत्रीय मांगें रखी थीं, जिनमें न्याय और स्वास्थ्य सेवा में सुधार की मांग की गई थी. उनकी मांगों में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या में शामिल लोगों को कड़ी सजा के साथ-साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई शामिल थी. उन्होंने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे, स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा में सुधार और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के भीतर ‘डर के माहौल’ को खत्म करने की भी मांग की.
कब हुई बैठक
डॉक्टरों द्वारा मुख्यमंत्री के साथ बैठक पर सहमति जताने के बाद यह बैठक हुई. डॉक्टरों ने यह शर्त रखी थी कि उनके साथ उनके दो प्रोफेशनल ट्रांसक्रिप्ट राइटर भी बैठक में मौजूद रहेंगे. लगभग 30 डॉक्टरों को लेकर एक पुलिस पायलट वाहन शाम 6.20 बजे ममता बनर्जी के आवास पर पहुंचा. जबकि यह बैठक 5 बजे होनी थी. करीब 2 घंटे तक चली यह बैठक 8:45 बजे समाप्त हुई. बता दें कि आरजी कर अस्पताल में हड़ताल की वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं. इलाज न मिलने की वजह से दर्जनों लोग दम तोड़ चुके हैं.