प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के बारे में अपने विचार रखे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसा कि दुनिया कोविड के बाद अनिश्चितता से जूझ रही है और आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है, पिछले दशक में स्थापित वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान आज के मुद्दों से निपटने में कमजोर पड़ गए हैं.
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट 3.0 के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
Your Highnesses,
Excellencies,
आप सभी के बहुमूल्य विचारों और सुझावों के लिए मैं हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। आप सभी ने हमारी साझी चिंताओं और महत्वाकांक्षाओं को सामने रखा है। आपके विचारों से ये बात साफ़ है कि ग्लोबल साउथ एकजुट है।
आपके सुझावों में हमारी व्यापक भागीदारी का प्रतिबिंब है। आज की हमारी चर्चा से आपसी सामंजस्य के साथ आगे बढ़ने का रास्ता तैयार हुआ है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गति मिलेगी।
Friends,
आप सभी की बात सुनने के बाद, आज मैं, आपके सामने भारत की ओर से एक व्यापक “Global Development Compact” का प्रस्ताव रखना चाहता हूँ। इस Compact की नींव भारत की विकास यात्रा और विकास साझेदारी के अनुभवों पर आधारित होगी। यह Compact ग्लोबल साउथ के देशों द्वारा स्वयं निर्धारित की गई विकास प्राथमिकताओं से प्रेरित होगा।
यह human-centric होगा, और विकास के लिए multi-dimensional होगा और मल्टी-सेक्टोरल approach को बढ़ावा देगा। यह डेवलपमेंट फायनेंस के नाम पर जरूरतमंद देशों को कर्ज तले नहीं दबाएगा। यह पार्टनर देशों के संतुलित और सतत विकास में सहयोग देगा।
Friends,
इस ‘development compact’ के तहत हम, trade for development, capacity building for sustainable growth, technology sharing, project specific कन्सेशनल फाइनेंस और Grants इस पर फोकस करेंगे। Trade promotion activities को बल देने के लिए, भारत 2.5 मिलियन डॉलर के विशेष फंड की शुरूआत करेगा। Capacity बिल्डिंग के लिए trade पॉलिसी और trade negotiation में ट्रेनिंग उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए एक मिलियन डॉलर का फंड प्रदान किया जाएगा।
ग्लोबल साउथ के देशों में फाइनेंसियल stress और development funding के लिए भारत, SDG Stimulus leaders group में सहयोग दे रहा है। हम Global South को सस्ती और प्रभावी जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिए काम करेंगे। हम औषधि regulators के प्रशिक्षण में भी सहयोग करेंगे। कृषि क्षेत्र में ‘natural farming’ के अपने अनुभव और technology साझा करने में हमें खुशी होगी।
Friends,
आपने तनावों और संघर्षों से जुड़ी चिंताओं को भी प्रकट किया है। यह हम सभी के लिए गंभीर विषय है। इन चिंताओं का समाधान just और inclusive ग्लोबल गवर्नेंस पर निर्भर करता है। ऐसे institutions जिनकी प्राथमिकताओं में ग्लोबल साउथ को वरीयता मिले। जहाँ विकसित देश भी अपने दायित्व और कमिटमेंट पूरे करें।
ग्लोबल नॉर्थ और साउथ के बीच की दूरी को कम करने के लिए कदम उठाएं। अगले महीने, UN में होने वाली Summit of the Future इस सब के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव बन सकता है ।
Your Highnesses,
Excellencies,
आपकी उपस्थिति और अनमोल विचारों के लिए एक बार फिर आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मुझे विश्वास है कि ग्लोबल साउथ की प्रगति के लिए हम अपनी आवाज ऐसे ही बुलंद करते रहेंगे और अपने अनुभव साझा करते रहेंगे।आज दिन भर हमारी teams सभी विषयों पर गहन चिंतन-मनन करेंगी। और इस फोरम को हम आने वाले समय में भी, आप सब के सहयोग के साथ, आगे बढ़ाते रहेंगे।
आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद!
वर्चुअल मेजबानी कर रहा भारत
बता दें कि भारत इस बार वर्चुअल प्रारूप में तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को एकसाथ मंच पर साझा करने के लिए ग्लोबल साउथ के देशों को एक साथ लाने की कवायद की जा रही है.
‘हमने जी20 को एक नई संरचना देने का संकल्प लिया’
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “2022 में, जब भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली, तो हमने जी20 को एक नई संरचना देने का संकल्प लिया. वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट एक ऐसा मंच बन गया, जहां हमने समस्याओं पर खुलकर चर्चा की और विकास से संबंधित प्राथमिकताएं, भारत ने ग्लोबल साउथ की आशाओं, आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं के आधार पर जी20 एजेंडा तैयार किया.”
पीएम मोदी ने कहा कि, “हमने G20 को समावेशी और विकासोन्मुख दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाया. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वह ऐतिहासिक क्षण था जब अफ्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता मिली.” प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्षों और अन्य चिंताओं के बीच वर्तमान में दुनियाभर में चल रही अनिश्चितता की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान आज की चुनौतियों से निपटने में अक्षम रहे हैं.
दुनियाभर में अनिश्चितता का माहौल- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि “आज, हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल है. दुनिया पूरी तरह से कोविड के प्रभाव से बाहर नहीं निकल पाई है. दूसरी ओर, युद्ध की स्थितियों ने हमारे विकास यात्रा के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना कर रहे हैं, और अब स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा की भी चुनौतियां सामने हैं.”