भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में दलित, गरीबों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर दमन, चौतरफा हिंसा और अपराध चरम स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पुलों के ढहने की घटनाएं भ्रष्टाचार के सच को बेनकाब कर रही हैं, तो अपराध की भयावहता और लगातार घट रही घटनाओं ने सुशासन तथा विकास के इर्द-गिर्द बनाई गई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि को ध्वस्त कर दिया है।
दीपांकर का दावा
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की नृशंस हत्या स्तब्ध करने वाली है। सामाजिक-आर्थिक सर्वे के उपरांत बिहार विधानसभा के भीतर नीतीश कुमार द्वारा तकरीबन 95 लाख गरीब परिवारों के लिए दो लाख रुपए सहायता राशि की गई घोषणा की गई, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।
नीतीश पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि इस घोषणा को हम जुमला नहीं बनने देंगे। 22 से 26 जुलाई तक होने वाले विधानमंडल सत्र के दौरान पार्टी नीट घोटाला, मुजफ्फरपुर में बेरोजगारों से ठगी और लड़कियों का यौन शोषण, रसोइया, राज्य में पुल टूटने की घटनाओं और चुनाव बाद की हिंसा आदि सवालों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने आंदोलन की भी घोषणा की। उससे पूर्व दीपांकर भट्टाचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फिलिस्तीन का झंडा फहराना कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की बात से सहमति नहीं जताई। दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला।