हाल ही में नीति आयोग ने साल 2023-24 के लिए अपना नवीनतम सतत विकास लक्ष्य (SDG) इंडिया इंडेक्स जारी किया है. इस रिपोर्ट में सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज से भारत के सभी राज्यों की रैंकिंग तय की जाती है. SDG इंडिया इंडेक्स के अनुसार सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज से उत्तराखंड सबसे विकसित राज्यों में शामिल है. जबकि बिहार की स्थिति सबसे खराब रही. नीति आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार हर पैमाने पर फिसड्डी स्टेट साबित हुआ है.
ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि आखिर ये SDG इंडिया इंडेक्स क्या है और संयुक्त राष्ट्र के पैमाने पर भारत के विकास की कहानी कितनी खरी?
क्या है एसडीजी इंडेक्स इंडिया
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने साल 2015 में दुनिया के सभी देशों के विकास को लेकर 16 लक्ष्यों को आम सहमति से स्वीकारा था. UN के अनुसार विश्व के बेहतर भविष्य के लिए सभी देशों का इन लक्ष्यों पर खरा उतरना बेहद महत्त्वपूर्ण है.
आसान भाषा में समझें तो संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के सभी देशों में गरीबी, भुखमरी को खत्म करने और सबको आगे बढ़ाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने का समय साल 2030 तक का तय किया गया है और इसके लिए वैश्विक एजेंडा का मूल मंत्र सार्वभौमिकता का सिद्धांत है यानी ‘कोई पीछे न छूटे’.
नीति आयोग संयुक्त राष्ट्र के इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस इंडेक्स की मदद से सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मानकों पर विकास का मूल्यांकन करता है. इसमें टिकाऊ विकास लक्ष्यों यानी SDG को हासिल करने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन किया जाता है.
अब उन 16 लक्ष्यों के बारे में भी जान लीजिये
इन 17 लक्ष्यों में गरीबी खत्म करना, भुखमरी को खत्म करना, अच्छा स्वास्थ्य और जीवनस्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, साफ पानी और स्वच्छता, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा का विकास, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पाद, जलवायु परिवर्तन, पानी में जीवन, भूमि पर जीवन, शांति और न्याय के लिए संस्थान शामिल है.
SDG इंडिया इंडेक्स के मुख्य उद्देश्य
प्रगति का मापन: यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति का आंकलन करता है.
राज्यस्तरीय तुलना: यह राज्यों के बीच तुलना को सक्षम बनाता है, जिससे वे अपनी प्रदर्शन क्षमता को सुधारने के लिए एक दूसरे से सीख सकते हैं.
नीति निर्माण में सहायता: यह नीति निर्माताओं को सूचित निर्णय लेने और अपनी रणनीतियों को सुधारने में सहायता करता है.
सार्वजनिक जागरूकता: यह जनता और नागरिक संगठनों को सतत विकास लक्ष्यों के महत्व और उनकी प्रगति के बारे में जागरूक करता है.
SDG इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट में रैंकिग किस डेटा से की जाती है
SDG इंडिया इंडेक्स में रैंकिंग के लिए डेटा का संग्रहण अलग अलग सरकारी और गैर-सरकारी स्रोतों से किया जाता है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके स्कोर के आधार पर रैंक किया जाता है, जो प्रदर्शन में भिन्नताओं को दर्शाता है. रैंकिंग के दौरान हर राज्य को 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है, जिसमें 100 का मतलब है कि उस राज्य में पूर्ण प्रगति हुई है.
SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 में क्या है
1. नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 यानी टिकाऊ विकास सूचकांक में उत्तराखंड और केरल ने टॉप स्थान दिया है. SDG इंडिया इंडेक्स के अनुसार कुल मिलाकर, भारत का एसडीजी स्कोर 2020-21 में 66 अंकों से बढ़कर 2023-24 में 71 अंक हो गया है, जो गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास और जलवायु कार्रवाई में हुई प्रगति के आधार पर है. हर साल नीति आयोग की तरफ से यह डेटा जारी किया जाता है.
2. यह रिपोर्ट 1 से 100 के पैमाने पर भारत के सभी राज्यों में उन 17 लक्ष्यों में हुई प्रगति का मूल्यांकन करता है. इस बार इस रिपोर्ट में इन पैमानों के आधार पर केरल और उत्तराखंड को 79 अंक मिले हैं और इसके साथ ही ह दोनों राज्य सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य बन गया. जबकि बिहार को केवल 57 अंक मिले हैं और ये सबसे खराब प्रदर्शन वाला राज्य बन गया है. जबकि झारखंड 62 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहा.
3. इसी रिपोर्ट के अनुसार 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अग्रणी श्रेणी में हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश सहित 10 नए प्रवेशक शामिल हैं.
SDG के स्कोर की प्रगति में इन सरकार योजनाओं ने की मदद
प्रधानमंत्री आवास योजना: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी के लिए किफायती आवास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. साल 2015 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 4 करोड़ से ज्यादा मकान बनाए जा चुके हैं.
स्वच्छ भारत मिशन: इस मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर की गई थी. आज इसके तहत देश के अलग अलग राज्यों में 11 करोड़ शौचालय और 2.23 लाख सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया जा चुका है.
उज्ज्वला योजना: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में की गई थी. इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले (BPL) परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ और सस्ती एलपीजी (LPG) कनेक्शन प्रदान करना है. आज इस योजना के तहत 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं.
जल जीवन मिशन: इस योजना देश में 14.9 करोड़ से अधिक घरों में नल जल कनेक्शन है.
आयुष्मान भारत: PMJAY: 30 करोड़ से ज्यादा लाभर्थी इस योजना का लाभ उठा पा रहे हैं.
नीति आयोग के सीईओ ने क्या कहा?
नीति आयोग के सीईओ का मानें तो इस देश न सिर्फ एसडीजी के तहत अधिकांश लक्ष्यों को प्राप्त करने में ट्रैक पर है और दूसरों से आगे है, बल्कि इन 17 लक्ष्यों में कुछ तो सरकार साल 2030 से पहले हासिल कर सकती है. उन्होंने कहा कि सूचकांक से पता चलता है कि 16 लक्ष्यों में से, भारत का समग्र स्कोर केवल ‘लक्ष्य 5’ (लैंगिक समानता) पर 50 से नीचे है.