विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता, जीतन सहनी की हत्या के मामले में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं. जीतन सहनी की हत्या के मामले में पैसों के लेन-देन की बात सामने आ रही है. मिथिला क्षेत्र के डीआईजी बाबूराम नेबताया कि हत्या के मामले की जांच के दौरान पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है. इसमें चार लोग जीतन सहनी के घर में घुसते हुए दिख रहे हैं, इसके कुछ देर के बाद चारों घर से बाहर निकलते दिख रहे हैं.
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे सभी लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इसी सप्ताह सोमवार को जीतन सहनी की दरभंगा के बिरौल बाज़ार स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच के लिए दरभंगा (ग्रामीण) की पुलिस अधीक्षक (एसपी) काम्या मिश्रा की अगुआई में एक कमिटी गठित की गई थी.
क्या है पूरा मामला?
पुलिस से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि मुकेश सहनी के पिता ने इनमें से दो लोगों को क़रीब ढ़ाई लाख रुपये सूद पर दिए थे, जिसके बदले में उनकी बाइक उन्होंने गिरवी रखी हुई थी. ये लोग अपनी बाइक छुड़ाने की बात करने के लिए जीतन सहनी के घर गए थे. इसको लेकर इनमें से दो के साथ पहले भी उनका विवाद हुआ था. मुकेश सहनी के पिता ने इनको सबक सिखाने की धमकी भी दी थी. डीआईजी ने बताया कि पुलिस ने इनके अलावा कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिया है. उनसे भी पूछताछ की जा रही है. डीआईजी बाबूराम ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है और जल्द ही मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी. दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल डिटेल्स, अपराध की हिस्ट्री, मृतक जीतन सहनी के साथ लेन-देन और देर रात जीतन सहनी के घर जाने के कारण समेत अन्य बिंदुओं पर भी पूछताछ की जा रही है. इसके अलावा इस हत्या से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.
प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल
वीआईपी प्रमुख के पिता की हत्या के बाद प्रदेश में बिहार सरकार पर अब सवाल उठने लगे हैं. युवा राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष राकेश नायक ने कहा, “मुकेश सहनी के पिता की हत्या से एक बात तो साफ़ है कि इस प्रदेश में आम हो या ख़ास कोई भी सुरक्षित नहीं है.” वहीं कांग्रेस आईटी सेल के प्रदेश सचिव सुधीर पांडेय ने कहा, “इस हत्या के मामले को सुलझाने और दोषियों को जल्द गिरफ़्तार करने में सरकार और पुलिस अब तक नाकाम साबित हुई है. इससे साफ़ पता चलता है कि पुलिस पर सरकार की कोई पकड़ नहीं रह गई है.”
तालाब से लाल बक्सा… टेबल पर तीन ग्लास
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. दरभंगा एसएसपी जगुनाथ रेड्डी के मुताबिक जीतन सहनी के हाथ और पेट में गहरे जख्म के निशान हैं. इसके अलावा कुछ अन्य चीजें भी घटनास्थल से बरामद हुई हैं. ऐसे में जांच की जा रही है कि इसमें कहीं हत्या के राज तो नहीं छुपे हैं. डीआईजी दरभंगा बाबू राम ने बताया है कि एफएसएल की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है. जांच में अहम साक्ष्य मिले हैं. उन्होंने बताया कि जीतन सहनी के घर के पीछे तालाब में एक लाल रंग का बक्सा फेंका हुआ मिला है. इसमें कुछ कागजात हैं. इसकी जांच की जा रही है. इसके अलावा जहां पर शव पड़ा था उस कमरे के अंदर टेबल पर तीन खाली ग्लास भी मिले हैं. इससे कई सुराग मिल सकते हैं. ऐसा लगता है कि बक्से में रखे कागजात को लेकर ही हत्या को अंजाम दिया गया है, क्योंकि सहनी के पिता सूद पर पैसे देने का काम करते थे.
पहले मछली का कारोबार करते थे जीतन सहनी
जानकारी के मुताबिक जीतन सहनी पहले मछली का कारोबार करते थे. हालांकि अब वो ये काम छोड़ चुके थे. मुकेश सहनी के पिता अपने मकान में अकेले ही रहते थे. मकान भी ऐसा है कि कोई कहीं से भी घुस सकता है. हालांकि बेटे मुकेश सहनी का आलिशान मकान ठीक पिता के मकान के सामने है, लेकिन वो अपने पुराने मकान में ही रहना पसंद करते थे. जिस समय ये हत्या हुई घर पर उनके साथ कोई मौजूद नहीं था. अकेलेपन का फायदा उठाकर बदमाशों ने घटना को आसानी से अंजाम दे दिया.
डीआईजी बाबू राम ने कहा- हम हत्या के सुराग के बिल्कुल पास
उधर इस घटना के बाद मुकेश सहनी को गहरा सदमा लगा है. सहनी ने कहा है कि वह इस घटना से स्तब्ध हैं. उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है. हालांकि उन्होंने सीएम नीतीश से घटना की उचित जांच की अपील की है. दरभंगा डीआईजी बाबू राम का दावा है कि हम हत्या के सुराग के बिल्कुल पास हैं. जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा. शव को देखने से ऐसा प्रतित होता है कि रंजिश कोई गहरी थी. इसी वजह से इस तरीके से निर्मम हत्या की गई है.
अंतिम संस्कार में दिखे अलग-अलग दलों के नेता
मुकेश सहनी के पिता के अंतिम संस्कार से पहले उनके सुपौल बाज़ार स्थित आवास पर पक्ष और विपक्ष के कई नेता एक साथ दिखे. पिता की हत्या की सूचना के बाद मंगलवार की देर शाम वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी चार्टर्ड उड़ान से मुंबई से पटना पहुंचे, जिसके बाद वो अपने पैतृक घर बिरौल बाजार पहुंचे. नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री और मुजफ़्फ़पुर से भाजपा सांसद राजकुमार निषाद सोमवार देर रात मुकेश सहनी के पैतृक आवास पहुंचे, जहां उन्होंने मुकेश सहनी से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. मुकेश सहनी के पिता के अंतिम दर्शन करने को लेकर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हज़ारी, अति पिछड़ा कल्याण मंत्री हरि सहनी, भाजपा के पूर्व एमएलसी अर्जुन सहनी, राजद विधायक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ललित यादव, मोहम्मद अली अशरफ़ फ़ातमी सहित कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के अलावा कई नेता मौजूद थे.
पिता की हत्या के बाद पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक भावुक पोस्ट लिखी है.
उन्होंने लिखा, “मेरे पिता जी की अपराधियों ने बेहरमी से हत्या कर दी. उनको इतनी क्रूरता से मारा गया है कि इसको शब्दों में बयां करना मुश्किल है. उनका ख़ून हमारे घर की दीवारों पर लगा हुआ है. निषाद समाज के लिए यह दिन काला दिवस के रूप में जाना जाएगा. लेकिन यह हमें डरा नहीं सकता.”