आखिर 500 वर्ष का इंतजार खत्म हुआ। अयोध्याधाम तैयार हो चुका है। अब दिन नहीं सिर्फ घंटे शेष हैं‚ जब अयोध्या के भव्यतम और दिव्यतम राम मंदिर का लोकार्पण होगा और उसमें विराजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
श्रीरामलला तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बुलावे पर अयोध्या नगरी में अतिथियों का आगमन हो चुका है और तैयारियां भी पूरी हो चुकी है। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत‚ क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर‚ अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ ही काशी के डोमाराज और सभी १५ यजमान भी रामनगरी में पधार चुके हैं। अब सभी को प्राण प्रतिष्ठा की बेला का इंतजार है‚ जब अभिजीत मुहूर्त में भगवान श्रीराम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने हाथों से प्रकिया पूरी करेंगे। उनके साथ मोहन भागवत सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहेंगी। इस अवसर पर धर्म कला संस्कृति उद्योग जगत और राजनीति के दिग्गज भी मौजूद रहेंगे। वैसे तो इस समारोह में ७००० से ज्यादा लोगों का जमावड़ा होगा‚ इनमें खास आकर्षण देश के १२५ ऐसे संत होंगे जो अलग–अलग जातियों के दिग्गज होंगे।
राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में आ रहे गणमान्य संतो को भी योगी सरकार ने राज्य अतिथि का दर्जा दे रखा है। ये ५०० वर्ष बाद अयोध्या में त्रेता युग के साकार होने जैसा है। अवध दुनिया का ऐसा शहर बन चुका है जो साक्षात वैकुंठ लग रहा है। शायद तभी तुलसीदास ने अयोध्या के बारे में लिखा है ‘जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि‚ उत्तर दिसि सरजू बह पावनि। पूरी अयोध्या में उल्लास है। रामपथ से लेकर भक्ति पथ हो या धर्म पथ। जन्मभूमि पथ और कारीडोर पर रविवार को लोगों को सुरक्षा कारणों से रोक रखा गया है इसके बाद भी रामभक्त हर क्षण को आंखों में बसा लेना चाहते हैं। अयोध्या को आने वाले सभी रास्ते सील हैं‚ इसके बाद भी लाखों राम भक्त दर्शन की लालसा संजोए रामनगरी में मौजूद हैं। इसके साथ ही अब तक सुपर स्टार रजनीकांत‚ स्वामी रामदेव‚ क्रिकेटर अनिल कुंबले‚ एनएल मित्तल‚ अभिनेता रणदीप हुड्डा आ चुके हैं और बाकी के अतिथियों के भी देर शाम और सोमवार की सुबह तक पहुंचने का दावा किया जा रहा है। ॥ द इससे पहले की सभी शास्त्रीय मर्यादाएं पूरी की गइ
इसी के समानांतर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का वैदिक विधान भी पूरा होता चल रहा है। गर्भगृह में अनÙष्ठान के छठे दिन के पूजन के बाद भगवान को प्राण प्रतिष्ठत करने की ओर कदम बढ़ø चुके हैं। इससे पहले की सभी शास्त्रीय मर्यादाएं पूरी की जा चुकी हैं। रविवार को ११४ कलशों के औषधीय जल से श्रीरामलला का स्नान कराया गया। विग्रह को मध्याधिवास में रखा गया। रात्रि जागरण अधिवास भी हुआ। इसी के साथ श्रीरामलला के पÙराने विग्रह की भी पूजा यज्ञशाला में हुई। चेन्नई‚ पÙणे समेत देश के कई स्थानों से मंगाये गये विविध फूलों से अनÙष्ठान चलता रहा। अनुष्ठान में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी ड़ॉ. अनिल मिश्र सपत्नीक व विहिप अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह एवं अन्य लोग अनÙष्ठान में शामिल रहे। प्राण प्रतिष्ठा अनÙष्ठान १६ जनवरी को सरयू नदी से शुरू होकर श्रीरामलला के गर्भगृह पर केंद्रित हुआ। तब से लगातार अनुष्ठान चल रहे हैं।
इसी के समानांतर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का वैदिक विधान भी पूरा होता चल रहा है। गर्भगृह में अनष्ठान के छठे दिन के पूजन के बाद भगवान को प्राण प्रतिष्ठत करने की ओर कदम बढ़ चुके हैं। इससे पहले की सभी शास्त्रीय मर्यादाएं पूरी की जा चुकी हैं। रविवार को ११४ कलशों के औषधीय जल से श्रीरामलला का स्नान कराया गया। विग्रह को मध्याधिवास में रखा गया। रात्रि जागरण अधिवास भी हुआ। इसी के साथ श्रीरामलला के पराने विग्रह की भी पूजा यज्ञशाला में हुई। चेन्नई‚ पÙणे समेत देश के कई स्थानों से मंगाये गये विविध फूलों से अनÙष्ठान चलता रहा। अनुष्ठान में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी ड़ॉ. अनिल मिश्र सपत्नीक व विहिप अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह एवं अन्य लोग अनÙष्ठान में शामिल रहे। प्राण प्रतिष्ठा अनष्ठान १६ जनवरी को सरयू नदी से शुरू होकर श्रीरामलला के गर्भगृह पर केंद्रित हुआ। तब से लगातार अनुष्ठान चल रहे हैं।