लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व चैती छठ का आज तीसरा दिन है. छठ व्रती आज सायंकालीन डूबते हुए भगवान भास्कर की पूजा करेंगे और अर्घ्य देंगे, वहीं कल यानी सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चैती छठ का समापन होगा. छठ पूजा को लेकर पटना नगर निगम के द्वारा व्रतियों के लिए छठ घाटों को तैयार कर दिया है और पूरी तरह से बैरेकेटिंग के साथ इंतजाम किये गये हैं.
शनिवार की देर शाम तक जिला प्रसाशन ने घाटों का जायजा लिया. भीड़ को देखते हुए जिला प्रसाशन ने तैयारी की है और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था भी की है. साल में छठ दो बार मनाया जाता है. दूसरा छठ हिंदी महीने के कार्तिक माह में अक्टूबर-नवंबर महीने में होता है, लेकिन चैती छठ भी काफी व्रती करते हैं. पटना में चैती छठ को लेकर पटना सिटी के दीदारगंज से दानापुर तक के बीच करीब 108 घाटों का मुआयना किया गया है, इसमें से खतरनाक घाटों में हल्दी छपरा घाट, जनार्दन घाट, कोयला घाट, लोहरवा घाट और सीता घाट शामिल हैं जिन पर जाने के लिए मनाही है.
नासरीगंज, शिवा घाट, पाटलीपुल घाट, जेपी पूर्वी घाट, दीघा घाट, राजा पुरपुल घाट, बांसघाट, कलेक्ट्रेट-महेंद्रू घाट, कालीघाट, एनआइटी घाट, गायघाट सहित कंगनघाट गंगा घाट व्रतियों के लिए पूरी तरीके से तैयार हो चुके हैं. इन घाटों की बैरकेडिंग कर दी गई है. घाटों के पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है. दीघा, कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट पर समतल पानी है. बालू वाले इन घाटों पर व्रतियों के ज्यादा संख्या में आने की संभावना को देखते हुए विशेष रूप से व्यवस्था की जा रही है.