ओडिशा के पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर में ‘श्री मंदिर परिक्रमा’ का उद्घाटन आज होने वाला है। इसे जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है। यह परियोजना ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (ओबीसीसी) द्वारा पूरी की गई। देशभर के 90 मंदिरों और संस्थानों के प्रतिनिधियों कोउद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। उद्घाटन के बाद यह कॉरिडोर आम जनता के लिए खुला रहेगा।
सीएम ने 4 साल पहले लिया था संकल्प
पुरी शहर में तीन मई 2019 को चक्रवाती तूफान ने जमकर तबाही मचाई थी। इससे शहर को काफी नुकसान हुआ था। इसमें कई घर उजड़ गए थे। इसी समय उन्होंने इस 12वीं सदी के विश्व प्रसिद्ध मंदिर का पूरी तरह से कायापलट करने का संकल्प लिया। इस उद्घाटन कार्यक्रम को देखने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उमड़ रहे हैं।
तीर्थ यात्रियों को मिलेगी सुविधाएं
इस परियोजना के तहत 800 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ मंदिर की मेघनाद पचेरी (बाहरी दीवार) के चारों ओर विशाल गलियारों का निर्माण किया गया है और इससे श्रद्धालुओं को 12 वीं शताब्दी के मंदिर के सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन करने में मदद मिलेगी। यह तीर्थयात्रियों को सुविधाएं भी प्रदान करेगा और मंदिर तथा भक्तों की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के उद्घाटन के लिए पुलिस बल की 80 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 पुलिसकर्मी शामिल हैं) तैनात की गई है। उन्होंने कहा कि लगभग 100 पर्यवेक्षक अधिकारी, 250 उपनिरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी भी सुरक्षा ड्यूटी में लगाए गए है। यातायात व्यवस्था से लेकर अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भक्तों के सुचारु दर्शन आदि से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।
परियोजना में ये सब शामिल
इस परियोजना का लक्ष्य 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के चारों ओर आयताकार गलियारे, सामान स्क्रीनिंग, क्लॉक रूम, पीने के पानी की सुविधाओं आदि के साथ एक आधुनिक तीर्थ केंद्र में बदलना है। परियोजना में पार्किंग स्थान, श्री सेतु (एक पुल), तीर्थस्थल केंद्र, तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए एक नई सड़क, शौचालय, क्लॉक रूम, विद्युत कार्य और बहुत कुछ जैसी विभिन्न सुविधाएं शामिल हैं। बफर जोन और पैदल यात्री क्षेत्र का भी निर्माण किया गया है। श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना (एसएमपीपी) में मंदिर के चारों ओर परिक्रमा (घड़ी की दिशा में परिक्रमा) के लिए सात मीटर का हरा बफर जोन और 10 मीटर का पैदल यात्री आंतरिक परिक्रमा क्षेत्र शामिल है।