कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि राज्य में किसानों को प्रखण्ड स्तर पर कृषि की सभी क्रियाओं की समस्त सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्ेश्य से कृषि क्लीनिक योजना की शुरूआत की जा रही है। कृषि क्लिनिक योजना के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष २०२३–२४ में ४२४ लाख रुपये की स्वीकृति की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्ेश्य किसानों को फसल उत्पादन संबंधित सभी सेवाएं यथा– मि^ी जांच की सुविधा‚ बीज विश्लेषण की सुविधा‚ कीट–व्याधि प्रबंधन संबंधित सुझाव‚ पौधा संरक्षण संबंधित छिडकाव–भुरकाव के लिए आवश्यक उपकरणों एवं तकनीकी विस्तार सेवा का स्थानीय स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन से राज्य में फसलों के उत्पादन‚ उत्पादकता एवं उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होगी‚ जिससे किसानों की आय बढेगी। मंत्री सोमवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना का कार्यान्वयन राज्य के सभी १०१ अनुमंडलों में किया जायेगा। इस योजनान्तर्गत प्रत्येक अनुमंडल के २ प्रखंडों में कृषि क्लीनिक की स्थापना की जायेगी। इसके अंतर्गत एक अनुमंडल के प्रखंड मुख्यालय में तथा दूसरा किसी अन्य चयनित प्रखंड मुख्यालय में स्थापना की जायेगी। इस योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण स्तर पर २०२ युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। साथ ही कृषि क्लीनिक से अन्य कुशल व अर्द्धकुशल व्यक्तियों के लिए भी रोजगार सृजन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एक कृषि क्लीनिक की स्थापना के लिए कुल अनुमानित लागत ५ लाख रुपये की ४० प्रतिशत अधिकतम २ लाख रुपये की राशि सहायता अनुदान के रूप में दी जायेगी तथा लागत की शेष राशि का वहन आवेदक द्वारा स्वयं किया जायेगा। इस योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थी बैंक से ऋण प्राप्त कर योजना का लाभ ले सकेगें। कृषि क्लीनिक की स्थापना के लिए चयनित लाभार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने के साथ ही‚ उनकी इच्छा अनुसार उर्वरक‚ बीज‚ कीटनाशी लाइसेंस‚ कस्टम हायरिंग सेंटर सहित अन्य आवश्यक योजनाओं का लाभ देने में प्राथमिकता दी जायेगी। कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि किसानों के फलदार वृक्षों यथा आम‚ लीची और अमरूद में लगने वाले कीट–व्याधि से बचाव के लिए सेवा प्रदाता के माध्यम से छिडकाव के लिए पौधा संरक्षण से संबंधित सरजमीन सेवा एवं उपादान वितरण योजना के लिए १४.२४ करोड रुपये कर्णाकिंतकिया गया है। ॥ इस योजना के माध्यम से छिडकाव शुल्क (कीटनाशी सहित) पर किसानों को ७५ प्रतिशत अनुदान पर सेवा प्रदाता के माध्यम से सेवाएँ उपलब्ध करायी जायेगी। इसके साथ ही‚ विभिन्न फसलों में कीट–व्याधि प्रबंधन हेतु ७५ प्रतिशत अनुदान पर फेरोमोन ट्रैप‚ लाईफ टाईम ट्रैप एवं स्टीकी ट्रैप पर किसानों को अधिकत्तम दो हेक्टेयर जबकि टाल क्षेत्रों में पांच हेक्टेयर के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त दोनों योजनाओं का उद्ेश्य सरकारी व्यवस्थाओं के साथ–साथ नीजी क्षेत्र के माध्यम से किसानों को उनके फसलों को कीट–व्याधि हेतु बचाव के लिए सहायता उपलब्ध करायी जा सके‚ ताकि किसानों की उत्पादन में होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। संवाददाता सम्मेलन में कृषि निदेशक डा.आलोक रंजन घोष‚ संयुक्त सचिव शैलेन्द्र कुमार‚ संयुक्त निदेशक प्रशासन अनिल कुमार ठाकुर‚ अपर निदेशक (शष्य)‚ धनंजयपति त्रिपाठी‚ संयुक्त निदेशक‚ पौधा संरक्षण डा. प्रमोद कुमार सहित मुख्यालय के पदाधिकारीगण उपस्थित थे। संवाददाता सम्मेलन में कृषि क्लीनिक योजना की जानकारी देते कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत।
2 दिन में बिहार को 1500 करोड़ की मिली हेल्थ फैसिलिटी
48 घंटे में बिहार को 1500 करोड़ की हेल्थ फैसिलिटी मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा 2 दिन बिहार...