पटरी में खराबी की वजह से बिहार में दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। रेलवे की शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है।
बक्सर-आरा के बीच रघुनाथपुर स्टेशन के पास हुए इस भीषण ट्रेन हादसे में सौ मीटर तक रेलवे ट्रैक टूट गया। हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है। हादसे के 2 घंटे बाद ही ग्राउंड जीरो से टूटी पटरियों की तस्वीरें दिखाई थीं। अब इस पर रेलवे ने भी अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि रेलवे के अधिकारी हादसे की मुख्य वजह जानने में लगे हैं।
बुधवार रात साढ़े 10 बजे आरा-बक्सर के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन मीडिया पहुंची। मंजर बेहद खराब था। पूरी ट्रेन डिरेल हो चुकी थी। लोग मदद की आस में थे। अभी यहां ग्रामीण और कुछ अधिकारी ही पहुंचे थे। उनकी मदद से लोगों को निकाला जा रहा था।
जब हम थोड़ा आगे गए तो देखा कि पोल संख्या 629/8 के पास कर्व था। यहां पटरी टूटी हुई थी। यहां से ट्रेन की चार बोगी निकल गईं। फिर एक-एक कर सभी बोगियां डिरेल होती चली गईं। इस ट्रेन के आने से आधा घंटे पहले एक पैसेंजर ट्रेन (03210) इसी ट्रैक से गुजरी थी।
हादसे के बाद पटरी दो फीट तक फट गई। उधर ट्रेन के गार्ड ने बताया कि दुर्घटना के वक्त ट्रेन करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। एकदम से ब्रेक लगा और ट्रेन डिरेल हो गई।
हादसे के दूसरे दिन भी ट्रैक क्लियर नहीं हुआ
हादसे के दूसरे दिन भी पटना-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन ठप है। 95 ट्रेनों का रूट बदला गया है और 31 ट्रेनों को रद्द की गई है। रेलवे के 300 से अधिक कर्मचारी बेपटरी हुई बोगियों को क्रेन की मदद से हटाने में जुटे हैं।
ट्रैक क्लियर करने में 7 पोकलेन मशीन,आधा दर्जन से ऊपर एआरटी, 1140 टन की रेलवे क्रेन और दर्जनों ट्रैक्टर और ट्रक लगे हुए हैं। शुक्रवार की सुबह तक अप लाइन को दुरुस्त कर परिचालन शुरू होने का अनुमान जताया गया है। हालांकि डाउन लाइन को शुरू करने में एक-दो दिन का वक्त लगेगा।
रात 9 बजे से अप लाइन ट्रैक से ट्रेन की बोगियां को हटा दिया गया था। जिसके बाद ट्रैक की मरम्मत का काम किया जा रहा है। ओवर हेड तारों को भी दुरुस्त किया जा रहा है।
हादसे के बाद से पूर्व मध्य रेल के जीएम, दानापुर रेलमंडल के डीआरएम समेत कई वरीय अधिकारियों के साथ साथ रेलवे के आईजी और डीआईजी मौके पर कैंप कर रहे हैं।
अब हादसे की कुछ तस्वीरें देखिए..