चर्चित किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) शनिवार को पटना पहुंचे और मीडिया से बातचीत की. उनके साथ आरजेडी (RJD) विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) भी मौजूद रहे. राकेश टिकैत ने कहा कि यहां का एग्रीकल्चर सेक्टर पूरी तरह खत्म हो चुका है. बिहार के किसानों को बचाना है तो सबसे पहले बाजार समिति को बहाल करना होगा. हम विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन किसानों को विनाश करके विकास नहीं हो सकता है. इसके लिए आंदोलन करना होगा नहीं तो किसानों की जमीन बेवजह लूटती जाएगी. अब बिहार में जल्द आंदोलन होगा. वहीं, जातीय गणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य जाति गणना नहीं है. हमारा उद्देश्य खेतों में काम करने वालों के लिए है. फसलों के लिए उचित दरें प्रदान की जानी चाहिए. क्या कोई व्यापारी किसी जाति विशेष के किसान को अधिक भुगतान करता है?
जब फसल पक जाती है, तो कोई नहीं बता सकता कि यह किसके खेत में पैदा हुई है? हमारी चिंता जाति से नहीं है, हमें फसलों के रेट की चिंता है.
आंदोलन बिहार के किसानों को जरूर करना होगा- राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार से हजारों टन धान बाहर भेजा जाता है, उसे कौन लोग खरीद रहा है? वह कहां बेचा जाता है? यहां पर किसी को एमएसपी नहीं मिलती है. बिहार के किसानों की धान 800 से बाहर 1200 रुपये में खरीदा जाता है. राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी एसपी गारंटी कानून देश में बनना चाहिए. अभी 5000 करोड़ रुपये का पूरे देश में मक्का के किसानों का नुकसान हो रहा है. बिहार के किसान दिल्ली में मुंबई में जाकर लेबर का काम करते हैं. बिहार के लोगों को संघर्ष करना पड़ेगा और एक आंदोलन बिहार के किसानों को जरूर करना होगा. चौथे कृषि रोड मैप के बारे में राकेश टिकैत ने कहा कि किस मद में कितना पैसा लगा है? किसानों के लिए यह सरकार को बतानी होगी.
‘मौका मिला तो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे’
किसान नेता ने कहा कि बिहटा में 16 साल से किसान धरना दे रहे हैं. उद्योग लगाने के नाम पर उनकी जमीन अधिग्रहण की गई. आज तक वहां कुछ नहीं लगा है. सरकार को उचित मुआवजा देना होगा उसके लिए किसान जहां-जहां आंदोलन करेंगे हम वहां जरूर जाएंगे. वहीं, आगे राकेश टिकैत कहा कि आज पटना आया हूं अगर मौका मिला तो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी फिर वापस आएंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बेईमानी होगी तो फिर आएंगे. ऐसे वापस फिर प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे. मीडिया पर उन्होंने कहा कि दिल्ली की अपेक्षा यहां मीडिया को आजादी ज्यादा है.