अमेरिका दौरे के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोदी सरकार में भारत और अमेरिका के संबंधों (India-US Relationship) को एक अलग स्तर पर ले जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि दोनो देशों के रिश्ते चंद्रयान की तरह की तरह चांद पर या उससे भी ऊपर पहुंचेंगे. एस जयशंकर की इस सोच का अमेरिका मुरीद हो गया है. बाइडेन के प्रशासन ने एस जयशंकर की तारीफ की है. अमेरिका-भारत संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए उन्होंने एस जयशंकर को दोनों देशों के आधुनिक रिश्तों का वास्तुकार कहा है. भारत के विदेश मंत्री के लिए तारीफ भरे ये शब्द उनके सम्मान में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू द्वारा आयोजित किए गए एक विशेष स्वागत समारोह के दौरान कही गई.
‘एस जयशंकर मॉर्डन US-भारत संबंधों के वास्तुकार’
भारतीय दूतावास में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में एय जयशंकर ने अमेरिकी भारतीयों को संबोधित किया था. इस दौरान कार्यक्रम में बाइडेन प्रशासन के अहम लोग भी शामिल हुए थे. इनमें अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति, राज्य के उप सचिव रिचर्ड वर्मा, राष्ट्रपति बाइडेन की घरेलू नीति सलाहकार नीरा टंडन, व्हाइट हाउस ऑफिस के राष्ट्रीय औषधि नियंत्रण नीति के निदेशक डॉ राहुल गुप्ता और नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक डॉ. सेथुरमन पंचनाथन शामिल हुए थे. इसी कार्यक्रम में बाइडेन प्रशासन ने एस जयशंकर को आधुनिक अमेरिका-भारत संबंधों को नए आयाम तक ले जाने वाला वास्तुकार कहा.
कार्यक्रम के दौरान रिचर्ड वर्मा ने मेहनती भारतीय अमेरिकियों की भूमिका पर जोर दिया, जिन्होंने अमेरिका और भारत के रिश्तों को बनाया है. उन्होंने कहा कि यह शताब्दी के बहुत ही अहम रिश्तों में से एक है. उन्होंने पूछा कि क्या सभी इस बात से सहमत हैं? उन्होंने कहा कि हो सकता है कि हमारे बीच मतभेद हों लेकिन दो दोस्त इन साझा मूल्यों के साथ जुड़े हुए हैं. दोनों देश महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के महान विचारों से जुड़े हुए हैं. यह वास्तविक शक्ति वाली साझेदारी है और आगे भी बनी रहेगी.
पूर्व राजदूत ने की भारत के विदेश मंत्री की तारीफ
पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने आधुनिक अमेरिका और भारत संबंधों के निर्माता के रूप में एस जयशंकर की तारीफ की और उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी कोशिशों से अमेरिका-भारत के रणनीतिक संबंध बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि वह जयशंकर की क्षमताओं को बहुत लंबे समय से जानते हैं. इसीलिए वह यह कह सकते हैं कि आज अमेरिका-भारत के बीच अगर प्रगाढ़ संबंध हैं उनके वास्तुकार जयशंकर ही हैं. उनके बिना दोनों देशों के रिश्ते उतने मजबूत शायद नहीं होते जितने की आज हैं.
वहीं बाइडेन की शीर्ष सलाहकार नीरा टंडन ने कहा कि भारतीय-अमेरिकियों ने अमेरिका में खुद की अपनी पहचान बनाई है. राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार के तहत इस समुदाय के सदस्य पूरे प्रशासन में हैं. नीरा टंडन ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की ताकत की वजह से ही हमारे व्यक्ति-से-व्यक्ति और समुदाय-से-समुदाय स्तर पर इतना मजबूत संबंध है.