बिहार के आरा में गुरूवार को जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि – मैं किसी से नहीं डरता, अगर डर ही गया तो राजपूत कैसा, मैं अपना बिस्तर जेल में छोड़कर आया हूं। मेरे नाम से तो डर को भी डर लगता है तो मुझे डर कैसा। इतना ही नहीं आनंद मोहन ने पीएम मोदी की तुलना सुरमा भोपाली से कर दी जबकि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को ईरानी धर्मगुरु खमैनी बताते हुए संघ परिवार पर परिवारवाद का आरोप लगा दिया।
दरअसल, जेल से बाहर आने के बाद आनंद मोहन जनसंवाद कार्यक्रम कर रहे हैं पर इसी दौरान वो लोगों को अपने साथ आने का निमंत्रण भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि – मैं कोई अमित शाह ने नहीं डरता हूं, जब डर गया तो आनंद मोहन कैसा। नीतीश कुमार ने कानून में बदलाव लाकर आप लोगों के बीच आनंद मोहन को खड़ा किया।
हम राजपूत हैं लड़ते हैं तो ताल ठोक कर लड़ते हैं,अगर मिलते हैं तो दिल खोलकर मिलते हैं। हम अपमान का हिसाब करते हैं और एहसान भी सूद समेत वापस करते हैं। जाइए सुप्रीम कोर्ट से आनंद मोहन डरने वाला नहीं है। डर जिससे डरता है उसका नाम आनंद मोहन है। जो डर गया मानो मर गया। आनंद मोहन जेल में बिस्तर छोड़ कर आया है, मर्द का एक पैर 24 घंटे जेल में होता है। हम डरने वाले नहीं हैं, लड़ने वाले हैं।
इसके आलावा उन्होंने कहा आनंद मोहन ने देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने के अटकलों पर मोहन भागवत के बयान का जिक्र करते हुए उनकी तुलना ईरानी धर्मगुरु खमैनी से कर दी। आंनद मोहन यही नहीं रूके, उन्होंने अयोध्या में बन रहे राम जन्मभूमि मंदिर को लेकर पूरे देश से मंगवाई गई ईंट का हिसाब और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति निर्माण के नाम पर देश भर से लोहा इकट्ठा करने पर भी सवाल खड़ा किया।
आनंद मोहन ने कहा कि- इतनी भारी मात्रा में जो देश के लोगों ने अपनी आस्था से ईंट और लोहा भेजी थी वो कहां गया। आनंद मोहन ने संघ परिवार पर सबसे बड़ा परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि – संघ वाले खुद के लिए क्यों नहीं चुनाव करवाते और अपनी फंडिंग की ऑडिट किसलिए करवाते हैं। इस देश में हवा फैलाई जा रही है कि 80% वालों को 20% वालों से डर लगता है ,जबकि हमारे प्रधानमंत्री सुरमा भोपाली हैं फिर भी हम सभी को ही डर लग रहा है? यह कहां तक सही है।
आरा में जनसंवाद सह सम्मान समारोह कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन कार्यक्रम का संचालन सही तरीके से नहीं होने पर भड़क गये। आनंद मोहन कार्यक्रम को छोड़कर बाहर निकल गये। जहां मीडिया पर भी वे भड़क गये। इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों के साथ बदतमीजी की। कार्यकर्ताओं के मान मनौव्वल के बाद आंनद मोहन फिर से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे।
आरा स्थित नागरिक प्रचारिणी सभागार में पूर्व सांसद आंनद मोहन गुरूवार को जनसंवाद सह सम्मान समारोह कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। जहां कार्यक्रम का संचालन सही तरीके से नहीं होने पर वो मंच पर ही भड़क गए और बीच में ही कार्यक्रम को छोड़कर बाहर निकल गए। जिसके बाद उनके समर्थक आंनद मोहन को मान मनौव्वल करने में जुट गए। इस दौरान कार्यक्रम में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
कार्यक्रम के दौरान भड़के आनंद मोहन और उनके समर्थकों द्वारा मान मनौव्वल करने का वीडियो मीडिया कर्मी बना रहे थे तब गुस्से में लाल आंनद मोहन उल्टे मीडिया कर्मियों पर ही भड़ास निकालने लगे और उन्हें कैमरा बंद करने की धमकी देने लगे। फिर समर्थकों के काफी मान मनौव्वल के बाद आनंद मोहन का गुस्सा शांत हुआ और फिर वो कार्यक्रम में शामिल हुए।
वहां मौजूद लोगों को मंच से संबोधित करते हुए गुस्सा होने की बात की लीपापोती करते हुए वो सड़क के चौड़ीकरण के कार्य पर ठिकरा फोड़ने लगे। कहने लगे कि हमारा गुस्सा इस बात को लेकर था कि इस चिलचिलाती धूप में हमारी बात को सुनने के लिए इतने लोगों का जनसैलाब उमड़ा हुआ था लेकिन हम जो ट्रेनिंग आज आप लोगों को देने आएं थे कि जन-जन तक अपनी बात कैसे पहुंचाए। लेकिन इतनी संख्या होने के बावजूद भी सभागार नहीं भरा।
आनंद मोहन ने कहा कि कार्यक्रम को जिस तरह से संचालित करना चाहिए वो भी ठीक तरीके से नहीं हो पाया। उन्होंने कहाकि मीडिया वाले क्या लिखेंगे कि इतने सालों बाद आंनद मोहन आरा आएं और उनके कार्यक्रम में भीड़ नदारद रही। इस बातों को लेकर मुझे गुस्सा आया था। हम लोगों को ट्रेनिंग की जरूरत है और इसी से सिख लेने की भी कोशिश होनी चाहिए।