प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग को संबोधित किया। उन्होंने कहा- आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। जल्द ही भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बन जाएगा। PM मोदी आज ब्रिक्स देशों के लीडर्स के साथ मीटिंग करेंगे। इसके बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।
ये खबर अहम क्यों है: 14 साल पहले 2009 में बने ब्रिक्स समूह की बैठक इस बार काफी अहम मानी जा रही है। इसकी वजह इस संगठन का सदस्य बनने के लिए मची होड़ है। लगभग 40 देशों ने संगठन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। इनमें सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और ईरान भी शामिल हैं। दुनिया की आबादी में ब्रिक्स देशों की हिस्सेदारी 42%, GDP में 27% और ग्लोबल ट्रेड में 18% है।
BRICS Summit 2023: प्रधानमंत्री मोदी इस समय ब्रिक्स समूह के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स (BRICS) बिजनेस फोरम को संबोधित किया. ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले समूह ब्रिक्स का यह वर्ष 2019 के बाद पहला ऐसा सम्मेलन है, जिसमें सभी नेता व्यक्तिगत रूप से शामिल हो रहे हैं.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मंगलवार को कहा कि भारत जल्द ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की वृद्धि का इंजन बनेगा.
- प्रधानमंत्री ने यहां ब्रिक्स ‘बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग’ को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों ‘‘मिशन-मोड” में किए गए सुधारों ने भारत में कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर बनाया है. देश ने आपदाओं और कठिनाइयों को आर्थिक सुधार के अवसरों में बदल दिया है.
- पीएम ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के कारण निवेशक का भरोसा बढ़ा है. भारत के लोगों ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है.
- पीएम मोदी ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान समेत अन्य सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब लालफीताशाही को हटाकर लाल कालीन बिछा रहा है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पीएम ने कहा कि उनकी सरकार एक नए भारत की नींव रख रही है.
- कारोबारियों को भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने रक्षा तथा अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को निजी निवेश के लिए खोला है और साजोसामान लागत में कमी आने के कारण विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है.
- पीएम का कहना है कि उनकी सरकार भारत को सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया जैसे क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण केंद्र (हब) बनाने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘यह जाहिर है कि इससे भारत में नवीनीकरण प्रौद्योगिकी के लिए एक बड़ा बाजार उत्पन्न होगा.”
- यूपीआई मंच का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि भारत में हर जगह UPI का उपयोग किया जा रहा है. सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन भारत में होता है. उन्होंने कहा कि भारत में रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
- डिजिटल लेनदेन के मोर्चे पर भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और फ्रांस जैसे देश यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) मंच में शामिल हो रहे हैं और ब्रिक्स देशों के साथ भी इस पर काम करने की असीम संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) एक साथ मिलकर वैश्विक कल्याण खासतौर से ‘ग्लोबल साउथ’ में अहम योगदान दे सकते हैं.
- पीएम ने अपने संबोधन में कहा, “आज, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है. पिछले 9 सालों में, लोगों की आय लगभग दोगुनी हो गई है. पीएम ने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारत ने वित्तीय समावेशन की ओर एक बड़ा कदम उठाया है और ग्रामीण महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा फायदा मिला है.उन्होंने कहा कि 360 अरब डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) हुआ है जिससे सेवा आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार और बिचौलिए कम हुए हैं.
- इसके आगे पीएम ने कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. देश में खुल रहे निवेश के नए अवसरों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले वर्षों में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हुई है. रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया है.”