स्वास्थ्य विभाग में अजीबोगरीब का मामला सामने आया है। एक अधिकारी तबादले की लिस्ट जारी करते हैं तो दूसरे अधिकारी खामियां निकालते हुए उसे कैंसिल कर देते हैं। दोनों अधिकारियों के बीच खींचतान में 500 कर्मियों का तबादला अधर में अटक गया है। विभाग के ओएसडी यानी विशेष कार्य पदाधिकारी के आदेश को अपर मुख्य सचिव के ओएसडी ने निरस्त करते हुए तबादले की सूची को कैंसिल कर दिया है। कड़ी दर कड़ी समझिए क्या है पूरा मामला…
शाम में जारी हुआ नोटिफिकेशन सुबह तक कैंसिल
जून में एनएम,एएनएम और फार्मासिस्ट का तबादला किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने शाम को ट्रांसफर नोटिफिकेशन निकाला और अगले दिन सुबह ऑफिस खुलते ही इसे स्थगित कर दिया गया। तबादला स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख राकेश चन्द्र सहाय वर्मा ने की और विभागीय अपर मुख्य सचिव के ओएसडी सतीश रंजन सिन्हा ने इसे रद्द कर दिया। तबादला रद्द करने के पीछे यह दलील दी गई कि ट्रांसफर नियम के मुताबिक नहीं किया गया। विभागीय ओएसडी शिशिर कुमार मिश्रा ने अनुमोदन किया था और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के ओएसडी ने इसे स्थगित किया था।
तबादले में कई खामियों की आई बात
विभागीय पीत पत्र के बदले में लिखा गया था कि जून 2023 में सेक्शन चार के सभी पदों पर स्थानान्तरण, पदस्थापन प्रतिनियुक्ति आदेश है,जो निदेशक प्रमुख राकेश चन्द्र सहाय वर्मा के सिग्नेचर से जारी हुआ। इसके बाद इससे जुड़ी शिकायत विभाग को मिली। शिकायत पर विचार करते हुए इसे सही पाया गया। तबादले को विशेष कार्य पदाधिकारी ने अनुमोदित किया था। जो इसके लिए कहीं से भी प्राधिकृत नहीं थे। तबादले में काफी गलतियां की गईं। ओएसडी की तरफ से अनियमित काम किए गए हैं। यही नहीं तबादलें में कई को गृह जिला में पोस्ट कर दिया गया है। पीत पत्र मे कहा गया है कि कई को एक जिला में ही एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में पदस्थापित कर दिया गया है।
पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में स्वास्थ्य समिति के उप सचिव राजेश कुमार,बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना लि.पटना के महाप्रबंधक अधिप्राप्ति रविन्द्र कुमार,स्वास्थ्य विभाग ओ एस डी रेणू कुमारी शामिल थीं। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।