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PM मोदी की इन कल्याणकारी योजनाओं ने बदल दी महिलाओं, किसानों और जरूरतमंदों की जिंदगी

UB India News by UB India News
May 23, 2023
in VISHESH KHABRE, ब्लॉग
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PM मोदी की इन कल्याणकारी योजनाओं ने बदल दी महिलाओं, किसानों और जरूरतमंदों की जिंदगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 9 साल (#9YearsOfPMModi) पूरे हो रहे हैं. पीएम मोदी (PM Modi Documentary Series Episode 3) ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. ‘सबका साथ सबका विकास’ के शपथ के साथ आई मोदी सरकार ने इस दौरान आम आदमी के कल्याण (#WelfareSchemes) के लिए कई सारी योजनाओं को लॉन्च किया. इन योजनाओं ने लगातार देश की एक बड़ी आबादी की जिंदगी बेहतर बनाई है. (यहां देखिए, डॉक्यूमेंट्री सीरीज का तीसरा एपिसोड)

किसानों के खातों में सीधे पैसे, गरीबों का स्वास्थ्य बीमा नकद ट्रांसफर, हर घर जल योजना, हर घर की रसोई के लिए गैस सिलेंडर, सबके लिए किफायती आवास… कल्याणकारी योजनाओं प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासन की खास कोशिश रही है. पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि कहती हैं, “पिछले 9 साल में इतने सारी योजनाएं और सुविधाओं का विस्तार हुआ है. इनका औरतों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है.” वहीं, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन कहते हैं, “मुद्रा लोन स्कीम काफी महत्वपूर्ण हैं. इसका फायदा उन क्षेत्रों में भी मिलता है, जो पब्लिक या प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के दायरे में नहीं हैं.”

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पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय कहते हैं, “भारत कोविड का सफलतापूर्वक सामना कर पाया, इसके पीछे एक खास वजह थी. वो ये कि लोगों को बुनियादी जरूरतें दी गईं. इसमें भी डिजिटल होने में फायदा मिला.”

उज्जवला योजना
गैस सिलेंडर अब कोई नई चीज नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में रहने वाली सुमरिया देवी के लिए जरूरत की चीज है. अनुसूचित जाति की 45 वर्षीय सुमरिया देवी के रसोई का काम गैस सिलेंडर की वजह से आसान हो गया है. देश की महिलाओं के लिए मोदी सरकार ने कई सारी कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की. इसमें से एक उज्जवला योजना (Ujjwala Yojana) है. इस योजना में बड़ी संख्या में गरीब परिवार की महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन दिए जाते हैं. चार साल पहले सुमरिया देवी को ‘उज्जवला योजना’ के तहत फ्री गैस कनेक्शन दिया गया. मोदी सरकार की इस योजना का उद्देश्य एलपीजी जैसे स्वच्छ ईंधन को ग्रामीण इलाकों के गरीब तबकों तक पहुंचाना है. पीएम मोदी ने मई 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से ‘उज्जवला योजना’ की शुरुआत की थी.

सोनभद्र के रंतोला गांव के प्रधान दिनेश कुमार कहते हैं, “उज्जवला योजना से महिलाओं को फॉर्म भरकर कनेक्शन मिल जा रहे हैं. इससे उनकी बड़ी मदद हुई है. उनका रसोई में समय बच जा रहा है. चूल्हे के धुएं से भी आजादी मिल रही है.”

एक गरीब मां लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाती हैं, तो एक दिन में उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुआं चला जाता है. मैं ये हालात बचपन में जी चुका हूं.

दोबारा सिलेंडर भरवाना एक चुनौती
वैसे तो गैस सिलेंडर देश के दूर-दराज इलाकों में फ्री कनेक्शन के तौर पर पहुंच गया है. चुनौती है इसे दोबारा भरवाने की. सामाजिक कार्यकर्ता जगत विश्वकर्मा बताते हैं, “इसके पीछे महंगाई बड़ा कारण है. जब शुरू में आया तो सिलेंडर की कीमत 700-750 तक थी. लेकिन अब एक सिलेंडर की कीमत 1200 रुपये तक हो गई है. इसलिए लोग खरीद नहीं पा रहे हैं. हालांकि, सरकार ने 200 रुपये की सब्सिडी का ऐलान किया है. लेकिन ये काफी नहीं है. सब्सिडी कम से कम 500 रुपये तक होनी चाहिए.”

प्रधानमंत्री किसान योजना
सोनभद्र के रंतोला गांव से 5 किलोमीटर दूर एक और गांव मनबसा में मोदी सरकार की एक और योजना चल रही है. प्रधानमंत्री किसान योजना का फायदा 44 साल के सीमांत किसान हृदयनारायण उठा रहे हैं. इनके पास एक एकड़ से कम जमीन है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत भारत सरकार 2 हेक्टेयर तक की खेतीहर भूमि वाले किसान परिवार को तीन समान किश्तों में साल में कुल 6 हजार रुपये देती है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हृदयनारायण बताते हैं, “2000 रुपये मिलना हम गरीब के लिए तो बड़ी चीज है. जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से हम महाजन-साहूकारों के कर्ज और उसके ब्याज से कुछ राहत मिल गई है.”

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन कहते हैं, “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारे में प्लान बनाते समय ये रकम छोटे किसान की सालाना आमदनी का 25-30 फीसदी था. आमदनी में 25-30 फीसदी की बढ़त काफी होती है.”

नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया कहते हैं, “गरीब तबके के लोग रेफ्रिजिरेटर या मोटरसाइकिल जैसे उत्पादों पर खर्च नहीं कर रहे अधिकतर पैसा कृषि संबंधी चीजों पर खर्च हो रहा है. यानी ये पैसा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ही खप रहा है.”
पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय कहते हैं, “कृषि में बहुत सुधार की जरूरत है. मार्केटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन की समस्याएं हैं. ये सभी राज्य सरकार के विषय हैं. इसलिए मैं यही कह सकता हूं कि ये सब क्रमबद्ध तरीके से ही होगा.”

प्रधानमंत्री आवास योजना
देश में हर किसी के लिए पक्का मकान सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने 25 जून, 2015 को पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) की शुरुआत की. इस योजना के तहत लोगों को होम लोन पर सब्सिडी दी जाती है.

आंध्र प्रदेश के कुन्नूर जिले के विष्णुवर्धन रेड्डी और उनकी पत्नी लक्ष्मीप्रिया का अपना घर होने का बरसों पुराना सपना आखिरकार पूरा हो गया. लक्ष्मीप्रिया कहती हैं, “बरसों पुराना घर का सपना पूरा हो गया. बहुत खुश हूं. पीएम मोदी ने हमारी आर्थिक मदद की. हम 5000-10000 रुपये किराया नहीं दे सकते हैं. अब तक मेरे नाम पर कुछ नहीं था. पहली बार कोई चीज मेरे नाम पर हुई है.” ये दंपती उन साढ़े तीन करोड़ परिवारों में एक हैं, जिन्होंने पिछले 8 साल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने मकान बनवाए हैं. केवल चारदीवारी नहीं, ये लोग अपना घर खुद डिजाइन करते हैं. ये घर बिजली, पानी, शौचालय और पक्की सड़कों जैसी सुविधाओं से लैस होता है.

मुझे लगता है कि परिवारों ने कुछ पैसे बचाकर या तो अपने पुराने मौजूदा मकान को बेहतर किया है या नया घर बनाया है. ये मेरी राय में बहुत अहम पहलू है.

तीन साल पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान व्यापार और रोजगार दोनों ठप हो गए थे. व्यापार और रोजगार को सपोर्ट करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना लेकर आई. इस योजना को सरकार खास तौर पर स्ट्रीट वेंडर्स के लिए चला रही है. इस स्कीम के तहत सरकार रोजगार की शुरुआत के लिए बिना किसी गारंटी के लोन दे रही है. पीएम स्वनिधि योजना के तहत 50 हजार रुपये तक का लोन मिल सकता है. सबसे पहले इस योजना तहत किसी को भी 10 हजार रुपये का लोन मिलेगा, जिसे चुकाने के बाद दूसरी बार और कर्ज लिया जा सकता है. खास बात है कि इस योजना पर सरकार सब्सिडी भी देती है.

इस योजना का फायदा नाई की दुकान, मोची, पनवाड़ी, धोबी, सब्जी बेचने वाला, फल बेचने वाला, रेडी टू ईट स्ट्रीट फूड, चाय का ठेला या खोखा लगाने वाला, ब्रेड पकौड़े या अंडे बेचने वाला, फेरीवाला, स्टेशनरी बेचने वाले लोग इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं. रेहड़ी-पटरी वालों की आर्थिक मदद के लिए 2 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना को लॉन्च किया गया था. आप जरूरी दस्तावेज के साथ लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन कहते हैं, “गरीब तबके के लोग सबसे अच्छे देनदार होते हैं, क्योंकि वो पैसा लौटाना चाहते हैं. मैंने ऐसे कई लोगों को पश्चिम बंगाल और असम में देखा है. जब सरकार गारंटी देती है, तो माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं आसानी से कर्ज दे देती हैं.”

पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय कहते हैं, “संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में बहुआयामी गरीब सूचकांक नाम की स्टडी प्रकाशित की है. जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आधार पर साबित करती है कि भारत में लोगों की बड़ी संख्या गरीबी रेखा के ऊपर चली गई है.”

पीएम नरेंद्र मोदी ने 2021 में स्वाधीनता दिवस के मौके पर कहा था, “अब हम सैचुरेशन तक जाना है. पूर्णता तक पहुंचना है. शत-प्रतिशत गांवों में सड़कें हो. शत-प्रतिशत परिवारों के बैंक अकाउंट हो. शत-प्रतिशत लोगों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो. हमें उस व्यक्ति को जोड़ना है, जो उसके हकदार है.”

सबसे निचले स्तर से सामाजिक बदलाव लाने की चुनौती जबरदस्त थी, लेकिन परिणाम जगजाहिर है.

 

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