राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार की ओर से पद से इस्तीफे की घोषणा के बाद मुंबई में NCP की कोर कमेटी की बैठक चल रही है. इस दौरान एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक बार फिर से शरद पवार के नाम का प्रस्ताव दिया है. साथ ही कमिटी ने शरद पवार के इस्तीफे को अमान्य करार दिया है.
इस मीटिंग से पहले ही जयंत पाटिल ने ट्वीट कर कहा हम साहिब के साथ हैं. वहीं पवार के इस्तीफे के विरोध में एक कार्यकर्ता ने खुद के ऊपर केरोसिन ऑयल छिड़क लिया है. वहीं आज की मीटिंग से पहले महाराष्ट्र के कई जिलों में पार्टी कार्यकर्ता इस्तीफा वापस लिए जाने के खिलाफ धरना देते नजर आए. ठाणे में एक कार्यकर्ता ने जगह-जगह यह कहते हुए पोस्टर लगवा दिए, ‘पवार साहेब का कोई विकल्प नहीं है’.
एनसीपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर विचार के लिए आज समिति की बैठक होगी। शरद पवार ने ही अध्यक्ष चुनने के लिए 18 सदस्यों की समिति का गठन किया था।
समिति शरद पवार से अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार की मांग कर सकती है। या फिर नए अध्यक्ष के नाम का एलान भी हो सकता है। पवार को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के लिए प्रस्ताव भी लाया जा सकता है।
शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के भविष्य और नया नेतृत्व बनाने के लिए उन्होंने अपने पद से हटने का फैसला लिया है। वाईबी चव्हाण सेंटर के बाहर पवार ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की उपेक्षा नहीं की जाएगी।
पवार के समर्थक पार्टी प्रमुख के रूप में उनके पद पर बने रहने की मांग को लेकर यहां डेरा डाले हुए हैं। वहीं, पवार ने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं जानता हूं कि आप मुझे पार्टी अध्यक्ष पद से हटने का फैसला लेने की अनुमति नहीं देते।
शरद पवार ने कहा कि वह महाराष्ट्र के बाहर के कुछ पार्टी सहयोगी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को मुलाकात करेंगे। मैं एक या दो दिन में अंतिम फैसला लूंगा।
एनसीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पवार को कम से कम 2024 तक पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए, क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
शरद पवार ने दो मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पवार ने अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ (लोग मेरे साथी) के लोकार्पण मौके पर इस्तीफे का एलान किया था।
पवार ने कहा था, ‘राज्यसभा सदस्य के रूप में मेरा तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इस दौरान मैं पार्टी में कोई पद लिए बिना महाराष्ट्र और देश से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर ध्यान केंद्रित करूंगा। एक मई, 1960 से एक लंबा वक्त हो चुका है और अब जरूरी है कि मैं पीछे हटूं। मैं आपके साथ रहूंगा, लेकिन पार्टी प्रमुख के रूप में नहीं।’
पवार के इस्तीफे के अचानक एलान से ही पार्टी कार्यकर्ता हैरान रह गए। पार्टी के कुछ कार्यकर्ता फूट-फूटकर रोने लगे। उन्हें मनाने की भी कोशिश की गई।
उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि शरद पवार के एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने के निर्णय का महाविकास आघाड़ी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह एनसीपी का अंदरूनी मामला है।