खालिस्तान समर्थकों के नये उभरते हुए नेता अमृतपाल सिंह की एक महीने से ज्यादा की पुलिस की भाग–दौड़ के बाद गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस ने और सरकार ने भी बेशक राहत की सांस ली होगी‚ लेकिन इस राहत को अमृतपाल समर्थकों का इसका दावा कुछ–न–कुछ फीका तो करता ही है कि यह गिरफ्तारी नहीं आत्मसमर्पण का मामला है। यह दावा खासतौर पर भिंडरावाले के भाई जसबीर सिंह रोड़े द्वारा किया जाना‚ जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य रह चुके हैं‚ इस मामले में वास्तविक राहत अभी काफी दूर होने का ही इशारा करता है। अमृतपाल‚ पिछले साल के उत्तरार्द्ध में दुबई से पंजाब वापस आने के बाद से खुद को किसी तरह से भिंडरावाला–द्वितीय के रूप में स्थापित करने की कोशिश में रहा है। इसीलिए उसने पिछले साल के आखिर में भिंडरावाला के गांव रोड़े में ही अपने कुछ सौ समर्थकों की मौजूदगी में दस्तारबंदी करायी थी। अब उसी रोड़े के गुरुद्वारे में अरदास करने और सिख संगत को संबोधित करने के बाद अमृतपाल की गिरफ्तारी के संदेेश‚ बहुत तसल्ली देने वाले नहीं हैं। बेशक‚ अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के करीब सवा महीने लंबे प्रकरण ने यह दिखाया है कि अपने सारे उग्र तेवरों तथा प्रचार के बावजूद‚ उसके खालिस्तानवादी प्रचार और उग्रता को अस्सी–नव्बे के दशक में खालिस्तानी आतंकवाद का कहर देख चुकी पंजाब की जनता से अब तक कोई खास समर्थन हासिल नहीं हुआ है। फिर भी‚ गिरफ्तारी को लेकर बन रहे नैरेटिव से लेकर असम में डिब्रूगढ़ जेल मेंे भेजे जाने से लेकर‚ एनएसए लगाए जाने तक पर आई प्रतिक्रियाओं से ऐसा लगता है कि उसका समर्थन आगे भी मामूली ही बना रहने को लेकर‚ निश्चिंत नहीं रहा जा सकता है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पहले अमृतपाल की पत्नी को लंदन जाने से रोके जाने पर और अब अमृतपाल को असम की जेल में भेजे जाने तथा उस पर एनएसए लगाने पर विरोध दर्ज कराना‚ इसी का इशारा करता है कि पंजाब में दूसरा भिंडरांवाला पैदा होने से बचाने की चुनौती अब भी बनी हुई है बल्कि और कठिन हो गई है। उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्र और राज्य की सरकारें इस चुनौती की गंभीरता को समझते हुए तालमेल के साथ ऐसे कदम उठाएंगी‚ जो अमृतपाल की ‘सिखों के लिए कुर्बानी’ देने की मुद्रा को पंचर करने में और उसे जनता से अलग–थलग करने में ही मदद करेंगे‚ न कि शहीद की मुद्रा हासिल करने में उसकी मदद करेंगे।
देशभर में आज दशहरे का उत्सव, राजनाथ ने दार्जिलिंग में शस्त्र पूजा की
विजयदशमी के मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शस्त्र पूजना किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पश्चिम...