पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को ४–४ लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भाजपा के दबाव में और आधे–अधूरे मन से की। इससे उन मृतकों के परिवारों को कोई राहत नहीं मिलेगी‚ जिनके जहरीली शराब से मौत का आंकडÃा छिपाया गया। सरकार को बताना चाहिए कि जहरीली शराब पीने से मौत होने पर पुलिस के डर से जिनका शव बिना पोस्टमार्टम कराये जला दिया गया और जिनकी मौत का कारण सरकार ने डायरिया या अज्ञात बीमारी बता दिया‚ उनके परिवार को मुआवजा कैसे मिलेगा इस पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सारण में जहरीली शराब से ७७ लोगों के मरने की पुष्टि की‚ जबकि सरकार ने केवल १२ लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब को माना था। ३० लोगों की मौत अन्य बीमारियों से बताकर सरकार ने सारण में मात्र ४२ मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को जो पीएगा‚ सो मरेगा वाले बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। जहरीली शराब पीने से मरने वालों और उनके गरीब आश्रितों के प्रति ऐसे कठोर रवैये के कारण सैकडों परिवार मुआवजा पाने से वंचित रहे। श्री मोदी ने कहा कि वर्ष २०१६ में पूर्ण मद्यनिषेध लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने से मौत की घटनाओं में ३०० से ज्यादा जानें गइ‚ जबकि राज्य सरकार ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को मात्र २३ के मरने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अब अगर सरकार पीडित परिवारों की मदद करना चाहती है‚ तो उसे आवेदन नहीं‚ केवल शपथपत्र लेकर ४–४ लाख रुपये की राशि ब्याज के साथ भुगतान करनी चाहिए।
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