प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद में कई विकास योजनाओं की नींव रखने और उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए किसी का नाम लिये बिना कहा कि ‘परिवारवाद’ और ‘भ्रष्टाचार’ अलग नहीं हैं। जहां ‘परिवारवाद’ होता है‚ वहीं ‘भ्रष्टाचार’ पनपता है। परिवारवादी राजनीति का मूल मंत्र ही सब पर नियंत्रण करना होता है‚ इसलिए परिवारवादी दल कतई बर्दाश्त नहीं करते कि कोई उनके वर्चस्व को चुनौती दे। प्रधानमंत्री ने दावा कि उनकी सरकार ने वंशवादी ताकतों के भ्रष्टाचार की असली जड़़ पर जोरदार प्रहार किया है। दरअसल‚ परिवारवादी राजनीति ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार कर देती है‚ जिसमें अपने परिवार और अपने समर्थकों के हित साधने पर ही तवज्जो दी जाती है। सभी का विकास और सबका विश्वास जैसी बातों के लिए कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। यही कारण है कि ड़ीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) और डि़जिटल भुगतान जैसे उपायों की खिलाफत परिवारवादी करते रहे हैं क्योंकि इन उपायों में अपनों की ही फिक्र की बात सिरे से नदारद होती है‚ और सभी का हित जुड़़ा होता है। बेशक‚ परिवारवादी दलों ने देश में राजनीति में मूल्यों और सिद्धांतों का ह्रास किया है। एक तो ऐसे दलों में व्यापक हित की सोच नहीं पनप पाती और दूसरे ऐसे दल अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए क्षेत्रीय और जातीय भावनाओं को जमकर भड़़काते हैं। ऐसे में सामाजिक ताना–बाना भी कमजोर होता है। ऐसे दल सत्ता पर काबिज होने के लिए तमाम नैतिक–अनैतिक गठजोड़़ करने में भी पीछे नहीं रहते। सिद्धांतों और नैतिकता से उनका कोई नाता नहीं रह जाता है। परिवार और अपने परिवार के हितैषियों को ही सत्ता की मलाई करने पर ज्यादा ध्यान रहने से परिवारवादी पार्टियां भ्रष्ट आचरण करने से भी गुरेज नहीं करती। बेशक‚ प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर बात करते हुए वंशवादी पार्टियों की खिंचाई की है‚ लेकिन यह भी कहना होगा कि आज की तारीख में कोईभी पार्टी इस बुराई से बच नहीं सकी है। सत्तारूढ़ भाजपा‚ जिसकी केंद्र में सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं‚ भी इस बुराई से बची होने का दावा नहीं कर सकती। इस पार्टी में भी पिता–पुत्र और उनके नाते–रिश्तेदार महkवपूर्ण पदों पर काबिज हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के कथन से असहमत नहीं हुआ जा सकता कि राजनीति में कुटुंबवाद से भ्रष्टाचार पनपता है। देश के विकास के लाभों में सभी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि परिवारवाद नाम की बुराई से छुटकारा पाया जाए।
GST काउंसिल की बैठक आज, इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
GST काउंसिल की आज यानी 9 सितंबर को बैठक होगी. इस बैठक में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित...