कर्नाटक विधानसभा चुनावों 2023 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्य प्रचारक (Star Campaigner) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे. यही वजह है कि राज्य पार्टी इकाई ने पीएम मोदी की चुनाव पूर्व कम से कम 20 रैलियों की योजना बनाई है. पार्टी प्रबंधकों के अनुसार पीएम मोदी की रैलियों के शिड्यूल पर काम चल रहा है. सूत्रों से पता चला है कि वास्तव में 10 मई के मतदान से पहले चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में 6 से 8 मई तक पीएम मोदी राज्य में रुक कर प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस (Congress) और JD(S) के गढ़ों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
सत्ता विरोधी लहर से पार जीत दिलाने में सक्षम हैं पीएम मोदी
पार्टी प्रबंधकों का मानना है कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर समेत आंतरिक मतभेद और गुटीय वर्चस्व की लड़ाई के बीच केवल ‘मोदी जादू’ ही जीत हासिल करने में मदद कर सकता है. उनके अनुसार राज्य को जिन छह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, उनमें से प्रत्येक में मोदी की कम से कम तीन रैलियां करने की योजना है. इनमें आंध्र प्रदेश सीमा से सटे और 40 विधानसभा सीटों वाले हैदराबाद-कर्नाटक जैसे कुछ इलाकों में पीएम मोदी की और रैलियां हो सकती हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस क्षेत्र के सबसे कद्दावर नेता हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां से सिर्फ 15 सीटें जीत पाई थी.
किसी एक नेता का समर्थन करते नजर नहीं आएंगे पीएम मोदी
राज्य की बसवराज बोम्मई सरकार कथित भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही है. ऐसे में राज्य में चुनाव अभियान राज्य पार्टी के पदाधिकारियों का अधिक उल्लेख किए बिना मोदी केंद्रित रहेगा. जाहिर है अभियान पीएम मोदी की लोगों से सीधे जुड़ने की कला, स्थानीय मुद्दों और स्थानीय आइकन को चुनने पर निर्भर रहने की संभावना है. चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले हाल ही में हुबली, मांड्या आदि जैसे विभिन्न स्थानों पर आयोजित मोदी की सात रैलियों में यह देखा जा चुका है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस तरह प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के दौरान किसी एक नेता का समर्थन करते नजर नहीं आएंगे.
बीएस येदियुरप्पा पार्टी के प्रचार अभियान का स्थानीय चेहरा
कर्नाटक भाजपा इकाई ने यहां तक सुझाव दिया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय नेताओं की ओर से छेड़ा गया चुनाव अभियान प्रतिद्वंद्वियों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि यह संदेश देना चाहिए कि जब भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की बात आती है तो बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अपने ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में नहीं हिचकता है. हालांकि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पार्टी के प्रचार अभियान का स्थानीय चेहरा होंगे.