संसद फिलहाल ठप सी पड़़ी है। शीतकालीन सत्र के बाद अभी चल रहा सत्र भी सांसदों की हेठी के कारण स्थगित है। जनता को शायद यह मालूम नहीं कि संसद का जो सत्र चलता है‚ वह उसके पैसे से चलता है‚ मगर तकलीफ की बात है कि सांसदों को न तो जनता के टैक्स के रुपये की परवाह है‚ और न खुद की छवि की परवाह है‚ और न ही लोकतंत्र की।
१३ मार्च से १७ मार्च तक लोक सभा की कार्यवाही सिर्फ ४२ मिनट ही चल पाई है। लोक सभा टीवी से रिसर्च की गई डेटा के मुताबिक १३ मार्च को ९ मिनट‚ १४ मार्च को ४ मिनट‚ १५ मार्च को ४ मिनट‚ १६ मार्च को ३.३० मिनट और १७ मार्च को करीब २२ मिनट ही सदन की कार्यवाही हो पाई है। इस दौरान न तो सदन में किसी बिल पर चर्चा हो पाई और न ही प्रश्नकाल और शून्यकाल का काम हुआ। साफ है कि माननीय लोकतंत्र की इज्जत करने में यकीन नहीं रखते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार संसद के हर घंटे की कार्यवाही पर १.५ करोड़ रु पये खर्च होते हैं। अगर प्रति मिनट खर्च की बात करें तो करीब ढाई लाख रु पये का खर्च बैठता है। सचिवालय के कर्मचारियों के वेतन और सांसदों की सुविधाओं पर खर्च होता है। ऐसे में जब हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही स्थगित होती है‚ तो उस हर गुजरते एक मिनट के साथ आम जनता के टैक्स के पैसों का ढाई लाख खर्च होता है। खैर‚ इस बार तो हद यह है कि सत्ता पक्ष यानी सरकार ही संसद में हंगामा कर रही है। सरकार कह रही है कि राहुल गांधी विदेश में दिए गए अपने बयान पर माफी मांगें वरना संसद नहीं चलने दी जाएगी। उधर‚ कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि पहले अड़ाणी मसले पर सरकार अपना पक्ष रखे। अब इस तू–तू मैं–मैं में लोकतंत्र जिस तरह से चोटिल हो रहा है‚ उसका जवाब कौन देगाॽ क्या राहुल प्रेस कांफ्रेंस करके पहले अपने बयान पर माफी मांगें तभी संसद चलेगीॽ क्या किसी और देश में ऐसा होता हैॽ
सिर्फ ‘विश्व के सबसे बड़े़ लोकतंत्र वाला देश’ होने का तमगा लिए हम बाकी मुल्कों के लिए अनुकरणीय रह सकेंगेॽ याद कीजिए‚ २० मई २०१४ का दिन जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार सांसद बनकर आए थे और उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर के द्वार पर सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया था। अब ऐसी भावना क्योंॽ जब संसद चल नहीं रही तो फिर कार्यवाही का दिखावा क्योंॽ
रामनवमी के जुलूस को रोकने के लिए टीएमसी रच रही साजिश: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। बंगाल के बालुरघाट में उन्होंने मंगलवार को एक चुनावी रैली को...