चीन की रबर स्टैंप पार्लियामेंट नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने शुक्रवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल को तीसरी बार बढ़ा दिया। उन्हें तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव 2952 वोटों से पास हुआ। कम्युनिस्ट पार्टी के किसी एक नेता ने भी उनके खिलाफ वोट नहीं किया।
शी जिनपिंग को तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने का रास्ता पिछले साल अक्टूबर में ही साफ हो गया था जब चाइना की कम्युनिस्ट पार्टी ने एकमत होकर उनके नाम पर मुहर लगाई थी। अब वो अपने भरोसेमंद ली कियांग को चीन का प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री बनाएंगे।
शी के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से जुड़ी 5 बड़ी बातें
- शी जिनपिंग ने बीजिंग में हुई सेरेमनी में अपने दाहिने हाथ की मुट्ठी उठाकर और बाएं हाथ को चीन के संविधान पर रख कर शपथ ली। इस दौरान उन्होंने चीन को ताकतवर, खुशहाल, महान सोशलिस्ट देश बनाने का वादा किया।
- तीसरा टर्म मिलने से शी जिनपिंग माओ के बाद चीन के सबसे ज्यादा समय तक राष्ट्रपति बनने वाले दूसरे नेता बनेंगे।
- जिस ली कियांग को शी जिनपिंग अपना प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री बनाने वाले हैं, उन्हीं के नेतृत्व में चीन ने कोरोना की चुनौती को पार किया था।
- पीपल्स लिबरेशन आर्मी के कमांडर भी बनाए गए हैं शी जिनपिंग।
- तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाए जाने से एक दिन पहले ही शी जिनपिंग ने नेशनल पीपल्स कांग्रेस में चीन के लिए अपनी प्राथमिकताओं को साफ कर दिया था। गुरुवार को उन्होंने सेना को मजबूती देने की बात कही थी। शी जिनपिंग ने संसद में कहा था- हमें सेना का तेजी से विस्तार करना होगा और चीन को स्ट्रैटिजिक चुनौतियों और खतरों से बचाने के लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी को दुनिया की टॉप क्लास फौज बनना होगा।
शी ने बढ़ाया सेना का बजट
चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही डिफेंस बजट पर घोषणा की थी। चीन अपनी रक्षा पर साल 2023 में 18 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगा। यह भारत के डिफेंस बजट से लगभग 3 गुना ज्यादा है। डिफेंस बजट में 7.2% की बढ़ोतरी की गई है। इसके लिए वहां की कम्युनिस्ट सरकार ने बाहरी चुनौतियों का हवाला दिया।
शी जिनपिंग के सामने कोरोना से तबाह हुई चीन की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, ताइवान और अमेरिका के साथ लगातार खराब हो रहे रिश्ते अहम चुनौतियां होंगी। 2012 में जब शी जिनपिंग पहली बार सत्ता में आए थे उस समय उन्होंने चाइनीज ड्रीम को पूरा करने यानी चीन को दुनिया की बड़ी ताकत बनाने की बात कही थी। तब से उनका मेन फोकस चीनी सेना यानी पीपल्स लिबरेशन आर्मी को और मजबूत बनाने पर रहा है।
लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं शी जिनपिंग
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक शी जिनपिंग चीन के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं। उन्हें ये सारी ताकत राष्ट्रपति होने की वजह से नहीं बल्कि, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी होने की वजह से मिली हुई है।
कम्युनिस्ट पार्टी और चाइना सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़े पार्टी मानी जाती है, जिसके 89 मिलियन मेंबर्स हैं। चीन के पॉलिटिकल सिस्टम की सभी ब्रांचों पर इसका ही दबदबा रहता है। पिछले साल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उस नियम खत्म कर दिया था जिसमें कोई नेता केवल दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। इस बदलाव के बाद शी जिनपिंग के जीवन भर राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया था। जिनपिंग चीन के उन नेताओं में शामिल हो चुके हैं जिनके विचारों को संविधान में शामिल किया जा चुका है।