बुजुर्ग और कम बुजुर्गों के बीच गहरे मतभेद हैं। अमिताभ बच्चन साहब कहते हैं कि उस कंपनी के पास जाकर सोना गिरवी रख दो और पैसे उधार ले लो। ओकेजी। चलो मान लिया फिर अक्षय कुमार आकर बताते हैं कि गिरवी रखना है‚ तो उस वाली कंपनी के पास जाना। बच्चन साहब की बात मान लूं कोई दिक्कत नहीं है। पर फिर अक्षय कुमार बीच में आ जाते हैं। मतलब यह नहीं हो सकता क्या कि बच्चन साहब और अक्षय कुमार आपस में मिल बैठकर सलाह मशविरा कर लें‚ फिर हमें बता दें। हमारा कनफ्यूजन कम हो जाए कि आखिर बात किसकी माननी है और सोना गिरवी कहां रखना है। सोना गिरवी रखना ना पड़े‚ कुछ रकम का बगैर गिरवी रखे इंतजाम हो जाए‚ ऐसी बात कोई ना बता रहा है। बड़े बड़े स्टार हमारा सोना गिरवी रखवाने को प्रतिबद्ध दिखते हैं। कई बार मन होता है कि अक्षय कुमार से पूछ लूं भाई बीबी के गहने गिरवी रखने जाएं‚ तो बीबी के तानों से कैसे बचेंगे। ऐसी बातें कोई ना बताता। और अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टार‚ जिनके पास किसी चीज की कोई कमी नहीं‚ वह भी यह सलाह देने पर आमादा है कि गिरवी रखो सोना। गोविंदा जैसे वरिष्ठ एक्टर इन दिनों क्या बरसों से बेरोजगार चल रहे हैं‚ वो सोना गिरवी रखने की बात करें‚ तो समझ में आता है।
उधर वाटर प्यूरीफायर के मसले पर माधुरी दीक्षित और हेमा मालिनी ना सहमत हो रही हैं। वाटर प्यूरीफायर के मसले पर दोनों की राय अलग अलग है। नीतू सिंह‚ वहीदा रहमान‚ रेखा ने वाटर प्यूरीफायर के मसले पर अपनी राय जाहिर नहीं की है‚ वरना तो कनफ्यूजन और गहरा हो जाता। तकनीकी मसले हैं‚ पर राय जाहिर करने में कोई नहीं हिचकता। करीना कपूर ने एक पेंट की स्वास्थ्य रक्षक क्षमताओं पर टिप्पणी की है एक इश्तिहार में। पेंट का मामला तकनीकी है‚ और इस पर विस्तार से बात करने के लिए रसायनशास्त्र का ज्ञानी होना चाहिए और स्वास्थ्य के मसले पर बात करने के लिए चिकित्साशास्त्र का ज्ञान होना चाहिए। पर किसी भी मसले पर बात करने के लिए अमिताभ बच्चन होना काफी हो जाता है।