रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जो ताजा घोषणा की है उससे उन सारी संभावनाओं को हाल–फिलहाल समाप्त कर दिया है जो प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन संवाद के बाद पैदा हुई थीं। उम्मीद जगी थी कि रूस यूक्रेन युद्ध का कोई उचित समाधान निकल आएगा लेकिन अब पुतिन ने कह दिया है कि वह अपने आरक्षित बलों को लामबंद करेंगे और यूक्रेन के उन क्षेत्रों में उतारेंगे जिन्हें रूस का स्थायी अंग बनाना चाहते हैं। यह भी कहा है कि वह आगे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इसका अर्थ है कि पुतिन परमाणु विकल्प की ओर भी जा सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है जिसका कोई निकट समाधान दिखाई नहीं दे रहा है। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस के ऊपर जो दंडात्मक प्रतिबंध लागू किए थे उनका विपरीत असर हुआ है। इन प्रतिबंधों के समक्ष झुकने के बजाय उसने अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को अपना शत्रु घोषित कर दिया है और किसी भी दबाव के आगे झुकने की संभावनाओं को समाप्त कर दिया है। दोनों देशों के बीच युद्ध की यह सर्वाधिक विनाशक स्थिति है। रूस–यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया के देश ऊर्जा और खाद्यान्न का संकट झेल रहे हैं। अब इस संकट के और अधिक बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। कमजोर देश और अधिक प्रभावित होंगे। दीगर बात है कि रूस के इस कदम का रूस में ही अधिक स्वागत नहीं हो रहा है क्योंकि युद्ध लंबा खींच रहा है। पुतिन का विरोध इस बात को लेकर भी हो रहा है कि इतने लंबे युद्ध के बाद भी वह अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सके हैं। पुतिन के अंदर इस बात को लेकर भी खीज हो सकती है कि यूक्रेन का प्रतिरोध उनकी कल्पना से कहीं ज्यादा निकला। इस मनःस्थिति में पुतिन द्वारा ऐसा कदम उठाया जा सकता है जो सचमुच पूरी मानवता को खतरे में डाल सकता है। पुतिन कह चुके हैं कि रूस की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हम परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह धमकी नहीं है बल्कि वह उन पर अमल भी कर सकते हैं। इस स्थिति में अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों को यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए अलावा अन्य दिशा में भी सोचना चाहिए।
पीएम मोदी ने किया ‘नमो ड्रोन दीदी’ कार्यक्रम का आगाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महिला किसानों को बड़ी सौगात दी है. पीएम मोदी ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में...