केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सीमांचल दौरे से पहले भारत-नेपाल बॉर्डर इलाके में बम मिलने की सूचना है। बम मिलने की सूचना मिलते ही सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि भारत नेपाल बॉर्डर पर स्थित दार्जिलिंग जिले के पानी टंकी के पास बम मिला है। खबर लिखे जाने तक इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गृहमंत्री के दौरे से पहले बम मिलने की सूचना को गंभीरता से लिया जा रहा है। ना केवल राज्य पुलिस बल्कि केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों को भी अलर्ट मोड में कर दिया गया है।
अमित शाह सीमांचल के पूर्णिया में 23 सितंबर को रैली करेंगे। 24 सितंबर को किशनगंज में बीजेपी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सीमांचल में पूर्णिया, किशनगंज अररिया, कटिहार इत्यादि आते हैं। पास में बांग्लादेश, नेपाल है।
आखिर सीमांचल को ही क्यों चुना गया?
गृह मंत्री अमित शाह सीमांचल दौरे पर आ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल कि आखिर सीमांचल को ही क्यों चुना गया? इसके लिए क्या कोई बड़ी प्लानिंग है? सीमांचल को लेकर केंद्र सरकार बड़ा निर्णय लेगी और बड़ी तैयारी है?
कई मायनों में देश के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान रखने वाले सीमांचल का राजनीतिक महत्व भी काफी भिन्न है। सीमांचल के रास्ते जिस तरह घुसपैठ का मुद्दा उठता रहा है, उसी तरह राजनीतज्ञ भी इस क्षेत्र को राजनीतिक दृष्टिकोण से घुसपैठ का रास्ता मानते हैं। मुस्लिम बाहुल्य इस क्षेत्र में अगर किसी पार्टी की पकड़ मजबूत हो जाए, तो वह बिहार सहित केंद्र की सत्ता में भी अपनी पकड़ मजबूत करने में सक्षम होते हैं। जातीय सहित भौगोलिक परिपेक्ष में यह क्षेत्र बिल्कुल अलग है और पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सीमांचल दौरा है। अंतरराज्यीय सीमा बंगाल और अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल एवं बांग्लादेश से सटे सीमांचल पर अब भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए फिर से मैदान में उतर गई है। भाजपा के कद्दावर सीमांचल के प्रमंडल से लेकर पंचायत स्तर के संगठन को सींचने में जुट गए हैं। एक के बाद एक बड़े नेताओं का दौर सीमांचल में जारी है। चर्चा है कि भाजपा सीमांचल से मास्टर स्ट्रोक खेलने की प्लानिंग कर रही है।
बिहार में एनडीए सरकार से अलग होते ही बिहार के चिकन नेक पर स्थित किशनगंज जिला में भाजपाइयों का दौरा शुरू होने से हर और चर्चा का विषय बना हुआ है। बिहार के नए गठबंधन सरकार में सीमांचल को मंत्री मंडल में अधिक तवज्जो मिलने के बाद भाजपाई भी क्षेत्र में काफी सक्रिय हुए। बताते चलें कि महागठबंधन सरकार के नए स्वरूप में सीमांचल के तीन विधायक को मंत्री मंडल में शामिल किया गया। वहीं सीमांचल के मुहाने पर स्थित किशनगंज जिला के चारों विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र महागठबंधन सरकार का है। इसके बाद पहली दफा केंद्रीय राज्य गृह मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति किशनगंज दौरे पर पहुंचे और हर तबके के लोगों से मिलकर उन्हें उत्साहित किया।
इसके ठीक चार दिन बाद केंद्रीय राज्य गृह मंत्री नित्यानंद राय किशनगंज पहुंचे और पार्टी के सभी प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक किए और फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सीमांचल में दो दिवसीय आगमन की जानकारी दिए। इस दौरान कार्यकर्ताओं को 23 सितंबर को पूर्णिया में आयोजित रैली में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचने का टास्क दिया। इसके बाद लगातार पार्टी के पदाधिकारी पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उसे सक्रिय कर भाजपा के नए नीति निर्देश को समझाया। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का किशनगंज, पूर्णिया और अररिया का दौरा हुआ। अब 24 सितंबर को किशनगंज में केंद्रीय गृह मंत्री के आगमन को लेकर भी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। हर स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय होकर गृह मंत्री के सीमांचल आगमन को सफल बनाने में जुटे हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने की बैठक
गृह मंत्री अमित शाह के पूर्णिया और किशनगंज आगमन को लेकर मंगलवार को भाजपा कार्यालय किशनगंज में मुख्य अतिथि हरीश द्विवेदी एवं विधान पार्षद दिलीप जयसवाल उपस्थित रहे। बैठक में मुख्य अतिथि ने कहा गया कि गृह मंत्री का पहली बार सीमांचल में आगमन पर कार्यकर्ताओं एवं आम जनमानस में उत्साह है। सीमांचल के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय होगा, जब गृह मंत्री सीमांचल के भविष्य एवं घुसपैठ, राष्ट्र विरोधी ताकतों के ऊपर नकेल कसने के लिए सीमा क्षेत्र में भ्रमण कर कार्यकर्ताओं के दिल की बात करेंगे।
बैठक में कहा गया कि पूर्णिया में कार्यक्रम में समर्थक किस तरह जाएंगे। इसकी पूरी समीक्षा 21 सितंबर को टीम बनाकर मनोज सिंह जिला प्रभारी एवं संजय गुप्ता युवा मोर्चा के बिहार प्रभारी के द्वारा सभी मंडलों में बूथ स्तर तक बैठक की जाएगी। इस दौरान विधान पार्षद दिलीप जयसवाल ने अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को पूर्णिया पहुंचने हेतु आमंत्रण पत्र प्रदान किया। वहीं जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि 10 हजार की संख्या में पूर्णिया जाने वाले कार्यकर्ताओं की पूरी व्यवस्था कर ली गई है। बैठक में मुख्य रूप से पूर्व विधायक सिकंदर सिंह, पंकज कुमार, मानव ज्योति, सोनू, कौशल झा, प्रमोद सिन्हा, लखन लाल पंडित, राजेश गुप्ता, अरूण सिंह सहित विभिन्न मोर्चा के पदाधिकारी मौजूद थे।
56 फीट चौड़ा और 28 फीट लंबा मंच
इंदिरा गांधी स्टेडियम में नेताओं के बैठने के लिए 56 फीट चौड़ा और 28 फीट लंबा स्टेज बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर आम लोगों के लिए अल्युमुनियम के दो शेड बनाये जा रहे हैं, इनमें एक की लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 40 मीटर और दूसरे शेड की लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर है. यहां 25 हजार कुर्सियां होंगे.
समीकरण के लिहाज से महागठबंधन भारी
समीकरण के लिहाज से अब भी महागठबंधन भारी है. पूर्णिया प्रमंडल में लोकसभा की चार सीटें हैं. पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को चार में से तीन सीटें मिली थीं. इनमें अररिया सीट भाजपा को और पूर्णिया और कटिहार की सीट जदयू को. किशनगंज की सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी.