झारखंड में सियासी संकट गहराया हुआ है. यह स्थिति अगले कुछ महीनों तक बनी रहेगी. जैसी स्थितियां हैं उम्मीद जताई जा रही हैं कि साल 2023 में 8 विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो सकते हैं. दरअसल जो मौजूदा परिस्थितियां दिख रही हैं उसके अनुसार झामुमो, कांग्रेस, बीजेपी के 8 विधायकों की सदस्यता कभी भी रद्द हो सकती है. ऐसी स्थिति में उन रिक्त सीटों के लिए अगले 6 महीने में उपचुनाव कराना जरूरी होगा.
फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को लेकर पूरे झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढी हुई है. इन पर आरोप है कि खान विभाग का मंत्री होते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज ले रखा है. भाजपा के आरोप के बाद चुनाव आयोग ने आरोप की सुनवाई पूरी कर ली है. चुनाव आयोग ने अपना मंतव्य राज्यपाल को भेज दिया है. राज्यपाल ने अपना आदेश अभी जारी नहीं किया है. कहा जा रहा कि चुनाव आयोग ने सदस्यता रद करने की बात कही है. अब राज्यपाल रमेश बैस के आदेश की प्रतीक्षा हो रही है. आदेश सार्वजनिक होने के बाद सबकुछ साफ हो जाएगा.
बता दें, गढ़वा से झामुमो के विधायक मिथिलेश कुमार ठाकुर हेमंत सोरेन सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री हैं. इन पर आरोप है कि चुनावी नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी दी है. वह मेसर्स सत्यम बिल्डर्स चाईबासा कंपनी में पार्टनर हैं. यह कंपनी ठेका लेती है. साल 2019 में इस कंपनी ने कई ठेका लिए. इसलिए लाभ का पद का मामला इन पर बनता है. चुनाव आयोग ने मामले में गढ़वा डीसी से रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास है. इस पर चुनाव आयोग सुनवाई कर रहा है. कभी भी इस मामले में अपना फैसला दे सकता है. मंत्री का दावा है कि आरोप गलत है. विरोधी भ्रम फैला रहे हैं.
समरीलाल के विधायकी पर खतराबीजेपी समरीलाल कांके विधानसभा सीट से विधायक हैं. इन पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र का लाभ लेने का आरोप साबित हो चुका है. समरीलाल की विधायकी खत्म होने वाली थी, लेकिन वह राहत के लिए झारखंड हाईकोर्ट चले गए. मामला अदालत में सुनवाई के लिए विचाराधीन है. चूंकि इन पर दोष साबित हो चुका है, इसलिए चुनाव आयोग और झारखंड हाई कोर्ट कभी भी फैसला सुना सकता है. इनकी विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है. इस पर भी फैसला आता है तो कांके सीट खाली हो जाएगा और वहां उपचुनाव कराने होंगे.
इन सदस्यों पर लटकी तलवार
हेमंत सोरेन- खनन लीज आवंटन मामला
बसंत सोरेन- खनन कंपनी में पार्टनरशिप का आरोप
बाबूलाल मरांडी- दलबदल मामला
समरी लाल- फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का आरोप
प्रदीप यादव- दलबदल मामल
मिथिलेश ठाकुर- कंपनी में पद पाने का आरोप
इरफान अंसारी- कैश कांड के साथ दलबदल का आरोप
राजेश कच्छप- कैश कांड के साथ दलबदल का आरोप
विक्सल- कैश कांड के साथ दलबदल का आरोप