टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की रविवार को मुंबई के पास एक सड़क एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। उनका पोस्टमार्टम बीती रात 2.30 बजे से 3 बजे के आसपास पूरा हुआ। अब खबर सामने आई है कि उनका अंतिम संस्कार कल (मंगलवार) सुबह 11 बजे मुंबई के वर्ली श्मशान भूमि में किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, साइरस के परिवार का कोई सदस्य सुबह हॉस्पिटल में नहीं पहुंच सका। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि साइरस का परिवार विदेश में है और उनके आज रात तक मुंबई पहुंचने की संभावना है।
यूके में हैं साइरस के बेटे और पत्नी
साइरस मिस्त्री के बेटे और पत्नी एक फैमिली फंक्शन के लिए यूके में हैं। उनके सोमवार को मुंबई पहुंचने की संभावना है। इसी साल 28 जून को साइरस के पिता और बिजनेस टाइकून पालोनजी मिस्त्री (93) का भी निधन हुआ था।
70 लाख की मर्सेडीज में भी क्यों नहीं बची टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की जान?
साइरस मिस्त्री (54) की सड़क हादसे में मौत से कॉर्पोरेट जगत सकते में है। मिस्त्री की कार मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर एक पुल की रेलिंग से जा टकराई। हादसे में मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर दिनशा पंडोले की मौत हो गई। मिस्त्री किसी ऐसी-वैसी कार में नहीं, मर्सेडीज बेंज जीएलसी जैसी एसयूवी में सवार थे। करीब 70 लाख रुपये की यह कार आराम से लेकर सुरक्षा तक के तमाम दावों के साथ आती है। पुलिस के अनुसार, फ्रंट सीट्स पर जहांगीर के भाई दारिस पंडोले और उनकी पत्नी अनायता बैठे थे। अनायता पंडोले कार चला रही थीं। दोनों को गंभीर चोटें आई हैं मगर खतरे से बाहर हैं। साइरस और जहांगीर पीछे की सीटों पर बैठे थे और दोनों की मौत हो गई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या रियर सीट्स के एयरबैग्स ने काम नहीं किया? हालांकि पुलिस कह रही है कि शायद दोनों ने सीट बेल्ट्स नहीं लगा रखी थीं। लब्बोलुआब यही है कि कार चाहे जितनी महंगी हो, सड़क पर सुरक्षा की गारंटी नहीं है।सभी ट्रैफिक नियमों और सावधानियों का पालन बेहद जरूरी है।
कब, कहां और कैसे हुआ साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट?
साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट रविवार (4 सितंबर 2022) की दोपहर करीब सवा तीन बजे हुआ। लोकेशन पालघर जिले के चरोटी में सूर्या नदी पर बना एक पुल रही। मिस्त्री समेत कार में सवार चारों लोग सुबह गुजरात के उद्वादा स्थित पारसी मंदिर इरानशाह गए थे। वहां से लौटते वक्त हादसा हुआ। पीछे की सीट पर बैठे मिस्त्री और जहांगीर की सिर पर चोटें आने से मौके पर ही मौत हो गई। अनायता जो कि मर्सेडीज ड्राइव कर रही थीं और उनके पति को कई फ्रैक्चर्स हुए हैं। दोनों को वापी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मर्सेडीज पर कंट्रोल खोने से हुआ हादसा?
मर्सेडीज में सवार चारों लोग एक दोस्त के यहां से लंच के बाद लौट रहे थे। गाड़ी तीन लेन वाले चरोटी टोल नाके से निकलकर बमुश्किल एक किलोमीटर ही आगे बढ़ी होगी कि हादसा हो गया। पालघर एसपी बालसाहेब पाटिल ने कन्फर्म किया कि जहांगीर और मिस्त्री की ऑन-द-स्पॉट मौत हो गई थी।
पुलिस की शुरुआती जांच इशारा करती है कि अनायता ने पुराने पुल को टेकओवर करते समय कार पर कंट्रोल खो दिया। पुराना पुल नए वाले पुल से थोड़ा नीचे है। स्पॉट पर गए पुलिसवालों के अनुसार, संभव है कि कार की रफ्तार काफी तेज रही हो और अनायता तय नहीं कर पाईं कि कौन से पुल से जाना है। पुलिस ने एक एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट फाइल की है।
दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, देर से खुले एयरबैग्स?
मेडिकल सुप्रिटेंडेंट प्रदीप धोदी ने कहा कि मिस्त्री और जहांगीर, दोनों के सिर फ्रंट सीट्स से जा टकराए। सिर पर लगी चोटों की वजह से उनकी मौत हुई। मर्सेडीज बेंज जीएलसी में पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए साइड में कर्टेन एयरबैग्स होते हैं। ये एयरबैग्स खुले तो जरूर मगर देर से।
पुलिस के अनुसार, साइरस और जहांगीर ने सीट बेल्ट्स नहीं पहनी थीं जिसके चलते बैग्स खुल पाने से पहले ही उनके सिर फ्रंट सीट्स से टकरा गए। पुलिस ने कहा कि अनायता और दारिस की जान इसलिए बच गई क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट पहन रखी थी और उनके एयरबैग्स टाइम पर खुले।
मिस्त्री जिस कार से सफर कर रहे थे वह एंट्री मॉडल के बाद मर्सेडीज का दूसरा मॉडल था। कार का रजिस्ट्रेशन नंबर MH 47B AB7705 था जो मई 2018 में कराया गया। इस मर्सेडीज बेंज जीएलसी का फिटनेस सर्टिफिकेट मई 2033 में एक्सपायर हो रहा है।
कोई फुटेज नहीं, सड़क हादसों में ओवरस्पीड से होती हैं 57% मौतें
हादसा इतना भयावह था कि कार का इंजन पहियों के पीछे चला गया। बोनट सही सलामत था। आसपास कोई सीसीटीवी नहीं था इसलिए पुलिस के पास हादसे की कोई फुटेज नहीं है। हालांकि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक्सीडेंट की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का लेटेस्ट डेटा सड़क हादसों से जुड़ी भयावह तस्वीर पेश करता है। पिछले कुछ सालों में हुए 60% सड़क हादसे ओवरस्पीड के चलते हुए। रोड एक्सीडेंट्स में होने वाली मौतों में 55-57% मौतें तेज रफ्तार के चलते होती हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मुंबई-अहमदाबाद हाइवे को ठीक से मैनेज नहीं किया जाता। ऐसे में इसपर तेज रफ्तार से गाड़ी दौड़ाना जानलेवा हो सकता है।