आखिर नोएडा में भ्रष्टाचार के प्रतीक सुपरटेक बिल्डर के एपेक्स और सियान टॉवरों को सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद मात्र ९ सेकेंड में ध्वस्त कर दिया गया। ३२ मंजिला एपेक्स (ऊंचाई १०५ मीटर) और २९ मंजिला सियान (ऊँचाई ९६ मीटर) टॉवर वस्तुतः मात्र इमारत नहीं थे बल्कि भ्रष्टाचार की डरावनी व्याप्त के प्रतीक थे। भ्रष्टाचार के नींव पर खड़ी इन बहुमंजिला इमारतों की ध्वस्तीकरण प्रक्रिया का टेलीविजन पर लाइव प्रसारण देखकर देशवासियों ने भरपूर आनंद लिया। हैरानी होनी चाहिए थी कि ये दोनों टॉवर वर्षों से निर्माण की प्रक्रिया में थे‚ लेकिन नोएडा प्राधिकरण के किसी भी अधिकारी‚ नेता या अन्य प्रभावशाली व्यक्ति की नजर इन पर इसलिए नहीं पड़ी क्योंकि इनमें सबकी संलिप्तता थी। अगर इमरॉल्ड़ कोर्ट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी और आसपास की इमारतों में रहने वाले लोग इसका विरोध नहीं करते और बिल्डर की बेशर्मीपूर्ण निर्माण के विरु द्ध कटिबद्ध संघर्ष नहीं चलाते तो यह दोनों टॉवर भ्रष्टाचार की विजय के प्रतीक के तौर पर यथावत खड़े रहते और कानून की जगहंसाई होती रहती। बहरहाल‚ ये टॉवर गिरा दिए गए हैं‚ लेकिन भ्रष्टाचार पर इससे खरोंच पड़ी है ऐसा प्रतीत नहीं होता। यह सवाल उठ रहा है कि इन दोनों टॉवरों को मंजूरी देने वाले नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के विरु द्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि प्राधिकरण ने तब और वर्तमान में तैनात रहे अधिकारियों पर लखनऊ में प्रथम दृष्टया रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई गई है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ने भी कहा है कि इन दोनों टॉवरों को मंजूरी देने वाले अधिकारियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनकी इस घोषणा का स्वागत किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को छोड़ा नहीं जाएगा और उन्हें सख्त–से–सख्त सजा दी जाएगी। इन इमारतों के निर्माण और ध्वस्तीकरण को देखकर सहज ही यह भाव उठ रहा है कि भगवान चाहे कण–कण में व्याप्त भले ना हो‚ लेकिन भारत के सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार कण–कण में व्याप्त है। और यह देश की हर नियामक और सामाजिक व्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहा है। इन दोनों टॉवरों के ध्वस्तीकरण से इतना सबक लिया जा सकता है कि इन्हें भ्रष्टाचार का इति न माना जाए बल्कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध व्यापक संघर्ष की शुरुआत के तौर पर लिया जाए।
तीसरे चरण से पहले प्रधानमंत्री-खरगे में क्यों छिड़ी लेटर वार?
देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे दौर के मतदान के पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच लेटर वार छिड़ गई...