भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपाई साजिश व आपदा से देश को मुक्ति दिलाने की दिशा में बिहार में गैरभाजपा सरकार का गठन एक सकारात्मक कदम है। संविधान व लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ संघर्षशील ताकतों के लिए नई उम्मीद पैदा हुई है। भाजपा शासन में नागरिक समाज व न्यायपूर्ण आंदोलनों के दमन की जो दिशा ली गई है‚ हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार उसके खिलाफ सकारात्मक रुख के साथ आगे बढेगी। हमारी पार्टी नागरिक समाज व सरकार के बीच एक सार्थक संवाद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। माले महासचिव शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा बिहार को उन्माद–उत्पात की प्रयोगशाला बना देने की साजिशों के खिलाफ राज्य सरकार प्रभावी प्रशासनिक व विधायी कदम उठाये। एपीएमसी एक्ट पुनबर्हाल किया जाए। राज्यपाल के जरिए भाजपा ने विश्वविद्यालयों को लूट–खसोट का अड्डा बना दिया है। कुलाधिपति की भूमिका को सीमित करते हुए नई सरकार को शिक्षा व्यवस्था में सुधार व बदलाव के लिए मुकम्मल कार्ययोजना बनानी चाहिए। पटना विवि को केंद्रीय विवि बनाने की मुहिम तेज करने की जरूरत है। भूमि सुधार व शिक्षा आयोग की रिपोर्ट लागू हो। भूमिहीन गरीबों के बीच जमीन के आवंटन‚ बटाईदार किसानों के पंजीकरण सहित कृषि विकास के सारे साधन उपलब्ध कराने की गारंटी‚ कदवन जलाशय के निर्माण तथा सोन व अन्य नहर–पईन प्रणालियों को ठीक करने की दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाए जायें। सभी रिक्त पदों पर बहाली हो‚ १९ लाख रोजगार का वादा पूरा किया जाए। बिहार में कार्यरत आशा–फैसिलिटेटर‚ रसोईया‚ आंगनबाडी कर्मियों और तमाम स्कीम वर्करों को जीने लायक सम्मानजनक मासिक मानदेय की गारंटी हो। अल्पसंख्यक‚ महिला‚ एससी–एसटी‚ मानवाधिकार व अन्य आयोगों को तत्काल पुनर्गठित करने की जरूरत भी है। शराब माफियाओं पर कार्रवाई की जाए। इस कानून के तहत जेलों में बंद लोगों को रिहा किया जाए‚ पुनर्वास किए जाने की जरूरत है। अग्निपथ‚ एनटीपीसी‚ अन्य रोजगार आंदोलन सहित राजनीतिक–सामाजिक कार्यकर्ताओं व आंदोलनों के क्रम में थोपे गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं। बुलडोजर राज पर रोक लगे‚ नए सवæ के आधार पर नई वास–आवास नीति बनाई जाए। संवाददाता सम्मेलन को माले राज्य सचिव कुणाल‚ पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा‚ राजाराम सिंह‚ माले विधायक दल के नेता महबूब आलम‚ उपनेता सत्यदेव राम‚ मीना तिवारी‚केडी यादव‚ शशि यादव‚ अरुण सिंह भी शामिल थे।