आज 2 अगस्त को नाग पंचमी (Nag panchami 2022) का त्योहार देशभर में धूम-धाम से मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, ये त्योहार हर वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. नाग पंचमी का ये पावन पर्व नाग देवता को समर्पित होता है. इस दिन नाग देवता की प्रतिमा या मूर्ति का दूध से जलभिषेक किया जाता है और विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी का लाभ (nag panchami katha in hindi) व्रती को तभी प्राप्त होता है जब वह नाग पंचमी की व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है. तो, चलिए आज नाग पंचमी के अवसर (nag panchami ki kahani in hindi) पर उनसे जुड़ी ये कथा पढ़ते हैं.
नाग पंचमी 2022 कथा
एक बार एक गांव में एक किसान रहता था. उस किसान की एक बेटी और दो बेटे थे. किसान बहुत मेहनती था. वह अपने परिवार के पालन पोषण के लिए खुद हल चलाता था. एक दिन हल जोतते हुए किसान ने गलती से एक नागिन के अंडों को कुचल दिया और सभी अंडे नष्ट हो गए. नागिन खेत में नहीं थी. जब वह लौटी तो बहुत गुस्सा हुई और उसने बदला लेने की ठानी ली. नागिन ने कुछ ही समय बाद किसान के बेटों को डस लिया, जिससे दोनों की मौत हो गई. नागिन किसान की बेटी को भी डसना चाहती थी. लेकिन वो घर पर नहीं थी. अगले दिन नागिन फिर किसान के घर आई तो देखकर बहुत हैरान हुई, क्योंकि किसान की बेटी ने नागिन के सामने एक कटोरी में दूध रख दिया और नागिन से माफी मांगने लगी. किसान की बेटी के इस रवैये से नागिन बहुत खुश हुई और नागिन ने दोनों भाइयों को जीवित कर दिया. ये घटना श्रावण शुक्ल की पंचमी को हुई थी. यही वजह है कि इस दिन नागों की पूजा की जाती है. नाग पंचमी से जुड़ी एक कथा और है. चलिए, उसके बारे (nag panchami 2022 significance) में भी जानते हैं.
एक बार राजा वन से करैली तोड़ने लगा. तभी वहां नाग देवता आ गए और उन्होंने कहा कि तुमने मेरी आज्ञा की बिना करैली क्यों तोड़ी? राजा ने क्षमा मांग ली लेकिन, नाग देवता ने उनकी एक नहीं सुनी. राजा ने नाग देवता से कहा कि मैंने रानी को वचन दिया है. इसलिए वो करैली को घर ले जाना चाहते हैं. नागदेवता ने कहा ठीक है ले जाओ लेकिन इसके बदले में तुम्हें अपनी पहली संतान मुझे देनी पड़ेगी. राजा को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करे. राजा ने वचन दे दिया और घर (nag panchami vrat katha) आ गया.
घर आकर राजा ने रानी को सारी बात बता दी. तभी रानी ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया. कुछ ही दिनों में नाग राजा के घर संतान लेने पहुंचा. राजा ने कहा कि पहली संतान लड़की हुई थी, लड़की के मुंडन के बाद आना, तभी दूंगा. राजा की बात मानकार नाग वहां से चला गया. नाग फिर आया, राजा ने नाग को कहा कि शादी के बाद आना. लेकिन, नाग ने सोचा की शादी के बाद तो पिता का पुत्री पर कोई अधिकार ही नहीं रहता. इसलिए, नाग ने लड़की को उठा ले जाने की योजना (nag panchami kahani) बना ली.
एक दिन नाग राजा की बेटी को उठाकर ले गया और राजा को बता दिया. राजा ने जैसे ही बेटी को ले जाने की बात सुनी तो राजा की उसी समय मौत हो गई. राजा की मौत की खबर सुनकर रानी भी मर गई. अब घर में राजा का लड़का अकेला रह गया. राजा के बेटे को उसके रिश्तेदारों ने लूट लिया और भिखारी बना लिया. राजा का बेटा उसी समय से भीख मांगने लगा. एक दिन भीख मांगते हुए राजा का लड़का नाग के घर पहुंचा तो उसकी बहन ने उसे पहचान लिया और फिर दोनों भाई-बहन प्रेम पूर्वक रहने लगे. तभी से नाग पंचमी का त्योहार (nag panchami story) मनाया जाता है.