भारत के साथ सहयोग से अमेरिका एक और नया बहुराष्ट्रीय गठबंधन आई2यू2 बनाने जा रहा है। इसमें इस्रयल और यूएई भी शामिल होंगे। इसकी पहली बैठक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के रूप में अगले महीने होगी। आई2यू2 के जरिए मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया में अमेरिका अपनी साझेदारियों को मजबूत करने का इरादा रखता है। ‘आई2यू2’ से तात्पर्य ‘इंडिया, इस्रयल, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका और यूएई’ है।
‘आई2यू2’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इस्रयल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान हिस्सा लेंगे और खाद्य सुरक्षा संकट तथा सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन 13 से 16 जुलाई के बीच बाइडन की पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा के दौरान होगा। पिछले साल अक्टूबर में इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस्रयल में यह बैठक तब हुई थी जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मध्य पूर्व के दौरे पर थे।
उस वक्त इस समूह को ‘इंटरनेशनल फोरम फॉर इकॉनमिक कोऑपरेशन’ कहा गया था। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां ये देश एक साथ काम कर सकते हैं, चाहे वह तकनीकी, व्यापार, जलवायु या कोविड-19 से निपटना हो और यहां तक कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी। अक्टूबर की बैठक में जल-सीमा सुरक्षा, डिजिटल विकास और परिवहन के मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई थी। तब भारत में यूएई के राजदूत अहमद अलबाना ने इस समूह को ‘पश्चिम एशियाई क्वॉड’ नाम दिया था। क्वॉड चार देशों का संगठन है जिसमें भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
पिछले कुछ सालों में क्वॉड सबसे महत्त्वपूर्ण वैश्विक संगठनों में से एक बनकर उभरा है। पिछले दो साल में अमेरिका ने एक के बाद एक कई संगठन बनाए हैं। आई2यू2 से कुछ ही हफ्ते पहले जापान में बाइडन ने 13 देशों के हिंद-प्रशांत व्यापार समझौते का ऐलान किया था।
उससे पहले पिछले साल जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ मिलकर आकुस नाम का संगठन बनाया है, जो प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग का आधार बन रहा है। अमेरिका सहित इन संगठनों में शामिल सभी देश चीन से त्रस्त हैं। इसलिए उसे घेरने के प्रयास करते रहते हैं। चीन ने अब आस्ट्रेलिया के पड़ोस में सोलोमन आइलैंड में अड्डा बनाना शुरू किया है।