आए दिन हमें सड़क या हवाई यात्रा के दौरान पुलिस या एयरलाइनकÌमयों के साथ कुछ कटु अनुभव होते हैं। प्रायः ऐसा इसलिए होता है कि हमें उन कानूनों की जानकारी नहीं है‚ जो सरकार ने हमारे फायदे के लिए बनाए हैं। यहां कुछ ऐसे ही कानूनों का उल्लेख किया गया है‚ जिन्हें जानने के बाद आप ऐसी आपत्तिजनक परिस्थिति में बड़ी आसानी से निपट सकते हैं। अगर आप संबंधित कानूनों की जानकारी कर लें तो ये एजेंसियां आपको डरा धमका नहीं पाएंगी। तो देखें ऐसे कौन से कानून हैं।
मिसाल के तौर पर यदि आपको ट्रैफिक पुलिस किसी कारण से रोकती है‚ तो देखा गया है कि वे आपके वाहन से चाबी निकाल लेती है‚ या निकालने का प्रयास करती है। यह आजकल आम बात हो चुकी है। लेकिन क्या आपको पता है कि मोटर व्हीकल एक्ट‚ १९३२ में साफ–साफ कहा गया है कि ऐसा करना गैर–कानूनी है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी जबरदस्ती आपके वाहन की चाबी नहीं छीन सकता है। किसी भी रैंक के पुलिस अधिकारी या अथॉरिटी के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। पुलिसकÌमयों को आपके वाहन को रोक कर चेक करने की पूरी छूट है। यदि किसी भी कानून का उल्लंघन होता है तो उसका चालान किया जाए। चालान करने के लिए भी पुलिसकर्मी के पास चालान बुक या आजकल चलन में आई ई–चालान बुक का होना अनिवार्य है। नागरिकों का भी यह फर्ज है कि यदि किसी कारण आपको रोका जाता है‚ तो पुलिस का सहयोग करें और वहां से भागने की गलती हरगिज न करें। ऐसा करने पर पुलिस को आप पर फिजूल में शक होगा।
पुलिस के बाद अब बात करें नागरिक उड्डयन की। पिछले कुछ वषा में देखा गया है कि देश में विमान से यात्रा का चलन काफी बढ़ गया है। पर क्या आप जानते हैं कि यदि आप समय से एयरपोर्ट पहंच जाते हैं‚ और आप चेक–इन भी कर लेते हैं‚ लेकिन किसी कारण आपकी फ्लाइट २ से ५ घंटे तक लेट हो जाती है‚ तो आप क्या करेंॽ ऐसे में आप संबंधित एयरलाइन से भोजन या उसके बराबर के वाउचर लेने के हकदार हैं। यदि आपकी फ्लाइट ६ घंटे या उससे अधिक लेट हैह‚ तो आप अपना पूरा किराया वापस लेने के‚ या वैकल्पिक उड़ान की टिकट के हकदार हैं। यदि एयरलाइन ऐसा नहीं करती तो संबंधित एयरलाइन या मंत्रालय से उसकी शिकायत की जा सकती है‚ जिसका निपटारा ३० दिन के भीतर किया जाएगा।
शायद आपको इस बात की जानकारी नहीं होगी कि १५ अक्टूबर‚ २०२१ को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से ऐलान किया है कि यदि कोई भी नागरिक अधिसूचना जारी होने के दिन से ३१ मार्च‚ २०२६ से तक किसी भी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना के एक घंटे के भीतर अस्पताल पहंचते हैं‚ तो आपको प्रशासन द्वारा ५००० रु पये का इनाम दिया जा सकता है। ऐसा करने से पहले लोग घबराते थे कि फालतू में पुलिस का चक्कर पड़ेगा। परंतु इस अधिसूचना के बाद से लोग घायलों की मदद के लिए आगे आएंगे।
आज बड़े–बड़े शहरों में वाहन के पाÌकंग को लेकर समस्या बढ़ती जा रही है। आए दिन इस बात पर गली–मोहल्लों में लड़ाई भी होती है। प्रायः यह भी देखा गया है कि लोग गाडि़यों की हवा तक निकाल देते हैं परंतु क्या आपको पता है कि यदि कोई आपकी गाड़ी की हवा निकाल देता है‚ तो वो ३ महीने तक की सजा का अधिकारी है। आपको करना सिर्फ इतना है कि पुलिस में उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कर उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा ४२५ व ४२६ के तहत कार्यवाही की मांग करें।
होता अक्सर यह है कि जानकारी के अभाव में हमारे द्वारा सही कदम नहीं उठाया जाता। मसलन‚ आम तौर पर देखा जाता है कि जब हम किसी रेस्तरां में खाना खाने को जाते हैं‚ तो बिल में ‘सÌवस चार्ज’ लग कर आता है। क्या आप जानते हैं कि यह गैर–कानूनी हैॽ केंद्र सरकार ने रेस्तरां बिल में सÌवस चार्ज को लेकर स्थिति साफ कर दी है। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के अनुसार ऐसा कोई कानून नहीं है‚ जिसमें सÌवस चार्ज लेने का प्रावधान हो। ऐसे में होटल‚ रेस्तरां का सÌवस चार्ज वसूल करना पूरी तरह से गैर–कानूनी है। इसे रेस्तरां बिल में नहीं जोड़ सकते। यह ग्राहक द्वारा खुशी से दी जाने वाली रकम होती है।
आज सूचना क्रांति के युग में ग्राहकों को अपने अधिकार जानने में देर नहीं लगती। उन्हें सिर्फ अपने फोन से इसके बारे में जानकारी लेनी चाहिए जिससे कि वो लुटने से बच सकें। यदि हर कोई जागरूक हो जाए तो कानून लागू करने वाली एजेंसियां भी समझ लेंगी कि जनता को भी कानून और अपने अधिकारों की जानकारी है। ऐसे तमाम और कानून हैं‚ जिनकी जानकारी सभी को नहीं होती और इसी बात का नाजायज फायदा उठा कर अधिकारी जनता को मूर्ख बनाते रहते हैं।