मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तो बिहार में सियासत गरमा गई थी. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. तेज प्रताप ने जब नीतीश के साथ सीक्रेट डील की बात कही तो किसी को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप अपने बयानों में कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने ‘ENTRY NITISH CHACHA’ का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में ‘NO ENTRY NITISH CHACHA’ का बोर्ड मीडिया को दिखाया था लेकिन पिछले 4 सालों में नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी आ गई है. नीतीश के साथ सीक्रेट डील करने की बात कहकर तेज प्रताप ने खुद को बिहार की राजनीति का महाभारत का कृष्ण होने का भी दावा किया.
नीतीश चाचा को लेकर अब एंट्री का बोर्ड
तेज प्रताप ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ हुई सीक्रेट डील को लेकर कहा था कि ‘राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है. नीतीश चाचा को लेकर पहले मैंने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था मगर अब एंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वह अब आ गए हैं तो सरकार बनेगी. कृष्णा और कौन हो सकता है? हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है. हम कृष्ण हैं तो हैं. कृष्ण तो सर्वव्यापी हैं. हम लोग सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है नीतीश कुमार से’
नीतीश महागठबंधन में लाने की कोशिश में तेज प्रताप
हैरानी की बात है कि जब शुक्रवार को तेज प्रताप चाचा नीतीश के साथ सीक्रेट डील करके तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे थे तो आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि 3 दिनों के अंदर ही दोनों भाइयों के बीच में जबरदस्त टकराव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक, लालू के दोनों बेटों के बीच जो नया बवाल मचा है, उसके पीछे भी दरअसल वजह नीतीश कुमार ही हैं. नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट एप्रोच दिखाकर तेजप्रताप जरूर उन्हें महागठबंधन में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं तेजस्वी
दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव नीतीश को लेकर बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं. पिछले 5 साल में लगातार तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं और उन्हें थका हुआ, मजबूर और लाचार मुख्यमंत्री का तमगा दे चुके हैं और ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि नीतीश की महागठबंधन में दोबारा से वापसी हो और वह फिर आरजेडी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बन जाए.
महागठबंधन में भी तेजस्वी नहीं बन पाएंगे सीएम?
यह बात तो स्पष्ट है कि अगर किसी सूरत में नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में जाते हैं तो ऐसे हालात में तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं होगा और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और तेजस्वी इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर ही इस बार लालू के दोनों बेटों के बीच में टकराव सामने देखने को मिल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तो बिहार में सियासत गरमा गई थी. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. तेज प्रताप ने जब नीतीश के साथ सीक्रेट डील की बात कही तो किसी को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप अपने बयानों में कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने ‘ENTRY NITISH CHACHA’ का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में ‘NO ENTRY NITISH CHACHA’ का बोर्ड मीडिया को दिखाया था लेकिन पिछले 4 सालों में नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी आ गई है. नीतीश के साथ सीक्रेट डील करने की बात कहकर तेज प्रताप ने खुद को बिहार की राजनीति का महाभारत का कृष्ण होने का भी दावा किया.
नीतीश चाचा को लेकर अब एंट्री का बोर्ड
तेज प्रताप ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ हुई सीक्रेट डील को लेकर कहा था कि ‘राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है. नीतीश चाचा को लेकर पहले मैंने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था मगर अब एंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वह अब आ गए हैं तो सरकार बनेगी. कृष्णा और कौन हो सकता है? हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है. हम कृष्ण हैं तो हैं. कृष्ण तो सर्वव्यापी हैं. हम लोग सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है नीतीश कुमार से’
नीतीश महागठबंधन में लाने की कोशिश में तेज प्रताप
हैरानी की बात है कि जब शुक्रवार को तेज प्रताप चाचा नीतीश के साथ सीक्रेट डील करके तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे थे तो आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि 3 दिनों के अंदर ही दोनों भाइयों के बीच में जबरदस्त टकराव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक, लालू के दोनों बेटों के बीच जो नया बवाल मचा है, उसके पीछे भी दरअसल वजह नीतीश कुमार ही हैं. नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट एप्रोच दिखाकर तेजप्रताप जरूर उन्हें महागठबंधन में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं तेजस्वी
दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव नीतीश को लेकर बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं. पिछले 5 साल में लगातार तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं और उन्हें थका हुआ, मजबूर और लाचार मुख्यमंत्री का तमगा दे चुके हैं और ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि नीतीश की महागठबंधन में दोबारा से वापसी हो और वह फिर आरजेडी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बन जाए.
महागठबंधन में भी तेजस्वी नहीं बन पाएंगे सीएम?
यह बात तो स्पष्ट है कि अगर किसी सूरत में नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में जाते हैं तो ऐसे हालात में तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं होगा और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और तेजस्वी इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर ही इस बार लालू के दोनों बेटों के बीच में टकराव सामने देखने को मिल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तो बिहार में सियासत गरमा गई थी. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. तेज प्रताप ने जब नीतीश के साथ सीक्रेट डील की बात कही तो किसी को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप अपने बयानों में कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने ‘ENTRY NITISH CHACHA’ का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में ‘NO ENTRY NITISH CHACHA’ का बोर्ड मीडिया को दिखाया था लेकिन पिछले 4 सालों में नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी आ गई है. नीतीश के साथ सीक्रेट डील करने की बात कहकर तेज प्रताप ने खुद को बिहार की राजनीति का महाभारत का कृष्ण होने का भी दावा किया.
नीतीश चाचा को लेकर अब एंट्री का बोर्ड
तेज प्रताप ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ हुई सीक्रेट डील को लेकर कहा था कि ‘राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है. नीतीश चाचा को लेकर पहले मैंने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था मगर अब एंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वह अब आ गए हैं तो सरकार बनेगी. कृष्णा और कौन हो सकता है? हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है. हम कृष्ण हैं तो हैं. कृष्ण तो सर्वव्यापी हैं. हम लोग सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है नीतीश कुमार से’
नीतीश महागठबंधन में लाने की कोशिश में तेज प्रताप
हैरानी की बात है कि जब शुक्रवार को तेज प्रताप चाचा नीतीश के साथ सीक्रेट डील करके तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे थे तो आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि 3 दिनों के अंदर ही दोनों भाइयों के बीच में जबरदस्त टकराव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक, लालू के दोनों बेटों के बीच जो नया बवाल मचा है, उसके पीछे भी दरअसल वजह नीतीश कुमार ही हैं. नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट एप्रोच दिखाकर तेजप्रताप जरूर उन्हें महागठबंधन में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं तेजस्वी
दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव नीतीश को लेकर बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं. पिछले 5 साल में लगातार तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं और उन्हें थका हुआ, मजबूर और लाचार मुख्यमंत्री का तमगा दे चुके हैं और ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि नीतीश की महागठबंधन में दोबारा से वापसी हो और वह फिर आरजेडी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बन जाए.
महागठबंधन में भी तेजस्वी नहीं बन पाएंगे सीएम?
यह बात तो स्पष्ट है कि अगर किसी सूरत में नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में जाते हैं तो ऐसे हालात में तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं होगा और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और तेजस्वी इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर ही इस बार लालू के दोनों बेटों के बीच में टकराव सामने देखने को मिल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तो बिहार में सियासत गरमा गई थी. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. तेज प्रताप ने जब नीतीश के साथ सीक्रेट डील की बात कही तो किसी को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप अपने बयानों में कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने ‘ENTRY NITISH CHACHA’ का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में ‘NO ENTRY NITISH CHACHA’ का बोर्ड मीडिया को दिखाया था लेकिन पिछले 4 सालों में नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी आ गई है. नीतीश के साथ सीक्रेट डील करने की बात कहकर तेज प्रताप ने खुद को बिहार की राजनीति का महाभारत का कृष्ण होने का भी दावा किया.
नीतीश चाचा को लेकर अब एंट्री का बोर्ड
तेज प्रताप ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ हुई सीक्रेट डील को लेकर कहा था कि ‘राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है. नीतीश चाचा को लेकर पहले मैंने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था मगर अब एंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वह अब आ गए हैं तो सरकार बनेगी. कृष्णा और कौन हो सकता है? हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है. हम कृष्ण हैं तो हैं. कृष्ण तो सर्वव्यापी हैं. हम लोग सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है नीतीश कुमार से’
नीतीश महागठबंधन में लाने की कोशिश में तेज प्रताप
हैरानी की बात है कि जब शुक्रवार को तेज प्रताप चाचा नीतीश के साथ सीक्रेट डील करके तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे थे तो आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि 3 दिनों के अंदर ही दोनों भाइयों के बीच में जबरदस्त टकराव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक, लालू के दोनों बेटों के बीच जो नया बवाल मचा है, उसके पीछे भी दरअसल वजह नीतीश कुमार ही हैं. नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट एप्रोच दिखाकर तेजप्रताप जरूर उन्हें महागठबंधन में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं तेजस्वी
दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव नीतीश को लेकर बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं. पिछले 5 साल में लगातार तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं और उन्हें थका हुआ, मजबूर और लाचार मुख्यमंत्री का तमगा दे चुके हैं और ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि नीतीश की महागठबंधन में दोबारा से वापसी हो और वह फिर आरजेडी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बन जाए.
महागठबंधन में भी तेजस्वी नहीं बन पाएंगे सीएम?
यह बात तो स्पष्ट है कि अगर किसी सूरत में नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में जाते हैं तो ऐसे हालात में तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं होगा और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और तेजस्वी इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर ही इस बार लालू के दोनों बेटों के बीच में टकराव सामने देखने को मिल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तो बिहार में सियासत गरमा गई थी. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. तेज प्रताप ने जब नीतीश के साथ सीक्रेट डील की बात कही तो किसी को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप अपने बयानों में कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने ‘ENTRY NITISH CHACHA’ का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में ‘NO ENTRY NITISH CHACHA’ का बोर्ड मीडिया को दिखाया था लेकिन पिछले 4 सालों में नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी आ गई है. नीतीश के साथ सीक्रेट डील करने की बात कहकर तेज प्रताप ने खुद को बिहार की राजनीति का महाभारत का कृष्ण होने का भी दावा किया.
नीतीश चाचा को लेकर अब एंट्री का बोर्ड
तेज प्रताप ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ हुई सीक्रेट डील को लेकर कहा था कि ‘राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है. नीतीश चाचा को लेकर पहले मैंने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था मगर अब एंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वह अब आ गए हैं तो सरकार बनेगी. कृष्णा और कौन हो सकता है? हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है. हम कृष्ण हैं तो हैं. कृष्ण तो सर्वव्यापी हैं. हम लोग सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है नीतीश कुमार से’
नीतीश महागठबंधन में लाने की कोशिश में तेज प्रताप
हैरानी की बात है कि जब शुक्रवार को तेज प्रताप चाचा नीतीश के साथ सीक्रेट डील करके तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे थे तो आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि 3 दिनों के अंदर ही दोनों भाइयों के बीच में जबरदस्त टकराव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक, लालू के दोनों बेटों के बीच जो नया बवाल मचा है, उसके पीछे भी दरअसल वजह नीतीश कुमार ही हैं. नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट एप्रोच दिखाकर तेजप्रताप जरूर उन्हें महागठबंधन में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं तेजस्वी
दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव नीतीश को लेकर बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं. पिछले 5 साल में लगातार तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं और उन्हें थका हुआ, मजबूर और लाचार मुख्यमंत्री का तमगा दे चुके हैं और ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि नीतीश की महागठबंधन में दोबारा से वापसी हो और वह फिर आरजेडी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बन जाए.
महागठबंधन में भी तेजस्वी नहीं बन पाएंगे सीएम?
यह बात तो स्पष्ट है कि अगर किसी सूरत में नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में जाते हैं तो ऐसे हालात में तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं होगा और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और तेजस्वी इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर ही इस बार लालू के दोनों बेटों के बीच में टकराव सामने देखने को मिल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तो बिहार में सियासत गरमा गई थी. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ऐलान कर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच में सीक्रेट डील हो गई है और जल्द ही बिहार में तेजस्वी सरकार बनेगी. तेज प्रताप ने जब नीतीश के साथ सीक्रेट डील की बात कही तो किसी को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप यादव बेहद सॉफ्ट नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप अपने बयानों में कई बार नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने ‘ENTRY NITISH CHACHA’ का मैसेज अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद अटकलों को हवा मिली थी कि तेज प्रताप नीतीश को वापस महागठबंधन में लाने के पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में ‘NO ENTRY NITISH CHACHA’ का बोर्ड मीडिया को दिखाया था लेकिन पिछले 4 सालों में नीतीश कुमार को लेकर तेज प्रताप के रुख में नरमी आ गई है. नीतीश के साथ सीक्रेट डील करने की बात कहकर तेज प्रताप ने खुद को बिहार की राजनीति का महाभारत का कृष्ण होने का भी दावा किया.
नीतीश चाचा को लेकर अब एंट्री का बोर्ड
तेज प्रताप ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के साथ हुई सीक्रेट डील को लेकर कहा था कि ‘राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है. नीतीश चाचा को लेकर पहले मैंने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था मगर अब एंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वह अब आ गए हैं तो सरकार बनेगी. कृष्णा और कौन हो सकता है? हमने तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है. हम कृष्ण हैं तो हैं. कृष्ण तो सर्वव्यापी हैं. हम लोग सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है नीतीश कुमार से’
नीतीश महागठबंधन में लाने की कोशिश में तेज प्रताप
हैरानी की बात है कि जब शुक्रवार को तेज प्रताप चाचा नीतीश के साथ सीक्रेट डील करके तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे थे तो आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि 3 दिनों के अंदर ही दोनों भाइयों के बीच में जबरदस्त टकराव देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक, लालू के दोनों बेटों के बीच जो नया बवाल मचा है, उसके पीछे भी दरअसल वजह नीतीश कुमार ही हैं. नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट एप्रोच दिखाकर तेजप्रताप जरूर उन्हें महागठबंधन में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं तेजस्वी
दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव नीतीश को लेकर बैकफुट पर जाने के मूड में नहीं हैं. पिछले 5 साल में लगातार तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बेहद आक्रमक रहे हैं और उन्हें थका हुआ, मजबूर और लाचार मुख्यमंत्री का तमगा दे चुके हैं और ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि नीतीश की महागठबंधन में दोबारा से वापसी हो और वह फिर आरजेडी के साथ गठबंधन करके मुख्यमंत्री बन जाए.
महागठबंधन में भी तेजस्वी नहीं बन पाएंगे सीएम?
यह बात तो स्पष्ट है कि अगर किसी सूरत में नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में जाते हैं तो ऐसे हालात में तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं होगा और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और तेजस्वी इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर ही इस बार लालू के दोनों बेटों के बीच में टकराव सामने देखने को मिल रहा है.