लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में जमानत मिल गई है. यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है. 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. करीब 27 साल बाद कोर्ट ने इसी साल फरवरी में इस घोटाले पर फैसला सुनाया था, जिसमें लालू यादव को दोषी पाया गया था. इस मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा हुई है.
बता दें कि सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे. ये रुपयों को संदिग्ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था. 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था. जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपी शामिल हैं. इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है.
दूसरे मामलों में भी हो चुकी है सजा
चारा घोटाले से जुड़े 4 मामलों में लालू यादव को पहले सजा मिल चुकी है. चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ के अवैध निकासी में लालू जमानत पर हैं. इसमें उन्हें 5 साल की सज़ा हुई थी. देवघर कोषागार से 79 लाख के अवैध निकासी के घोटले के दूसरे मामले में भी वे जमानत पर हैं. इस मामले में उन्हे साढ़े 3 साल की सज़ा सुनाई गई थी. लालू यादव को 33.13 करोड़ के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के तीसरे मामले में भी जमानत मिली थी. इस मामले में उन्हें 5 साल की सज़ा हुई थी. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी के चौथे मामले में उन्हें दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सज़ा सुनाई गई थी, लेकिन उसमें भी वे जमानत पर हैं.