बिहार में मकर संक्रांति और इफ्तार के नाम पर भी राजनीतिक प्रदर्शन की परंपरा रही है। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की इफ्तार पार्टी काफी चर्चित रही है, किंतु पिछले करीब पांच वर्षों से लालू की जेल यात्रा के बाद से राजद ने कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। बाद में कोरोना संक्रमण के चलते अन्य दलों ने भी दूरी बना ली थी। अब फिर शुरू हुआ है तो तामझाम का अंदाज भी वैसा ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दावत के बाद हफ्ते भर के भीतर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी 22 अप्रैल को इफ्तार की दावत रखी है।
बोचहां जीत का भी दिखेगा जश्न
आयोजन बड़ा है इसलिए तैयारी भी बड़ी है। मंशा है कि दावत के बहाने ही बोचहां एवं विधान परिषद के चुनाव में राजद को मिली जीत के जश्न का भी प्रदर्शन हो जाए। इसलिए प्रदेश के सभी जिलों से मुस्लिम समाज के साथ अन्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। राजद के प्रदेश महासचिव विनोद यादव का दावा है कि राज्य भर से 15 हजार से ज्यादा लोग आने वाले हैैं। पांच दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी में राजद, कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। राजद के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पूर्वे एवं कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान पहुंचे भी थे। माना जा रहा है कि तेजस्वी भी नीतीश कुमार को आमंत्रित कर सकते हैैं।
राबड़ी आवास में चार पंडाल तैयार
सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास में इफ्तार पार्टी की तैयारियां तेज हैैं। अलग-अलग दस कमेटियां बनाकर सबकी जिम्मेवारियां तय कर दी गई हैैं। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक एवं तनवीर हसन ने बुधवार को इसकी समीक्षा की। परिसर में बनाए जा रहे सभी चार पंडालों का निरीक्षण किया। सांसदों-विधायकों एवं राजद के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के लिए वीवीआइपी पंडाल बनाया गया है। मीडिया के लिए अलग व्यवस्था है।
तेजस्वी का बड़ा हमला, बोले-बिहार की इस सरकार ने बर्बाद किया दो पीढ़ियों का वर्तमान और भविष्य
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार को सभी पैमाने पर फिसड्डी बताते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि 17 वर्षों के शासन में उन्होंने कुछ नहीं किया। तेजस्वी ने दिल की बात में लिखा कि यह जानकर हैरानी होती है कि नीति आयोग एवं अन्य संस्थाओं की रिपोर्ट एवं सूचकांकों में बेरोजगारी, गरीबी, पलायन, भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और विधि व्यवस्था सहित अन्य क्षेत्रों में बिहार देश का सबसे फिसड्डी राज्य है।
सांप्रदायिक और जातीय आग लगाने में जुटे हैं ये लोग
तेजस्वी ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को राज्य के उत्थान, समृद्धि, शांति एवं विकास के बारे में सोचना चाहिए, लेकिन इसके उलट ये लोग सांप्रदायिक और जातीय आग लगाने के काम में लगे हैं, ताकि लोग एक दूसरे से नफरत करें। बदले की आग में सुलगते रहें तथा किसी का ध्यान सरकार की नाकामी की ओर न जाए। लोग बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली, अपराध, किसानों-युवाओं की अनदेखी जैसे मुद्दों पर सवाल नहीं पूछें और सरकार के लोग समाज में अपनी सियासी रोटी सेंकते रहें। जाहिर है, बिहारवासियों को ही स्वयं अपना भला-बुरा सोचना होगा।
हक के लिए सरकार से करना चाहिए सवाल
तेजस्वी ने कहा कि बिहार के युवाओं अपने हक के लिए सरकार से निरंतर सवाल करते रहना चाहिए, क्योंकि इस सरकार ने दो पीढ़ियों के वर्तमान एवं भविष्य को बर्बाद किया है। नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि हम युवाओं के भविष्य के लिए बिहार से भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन, अशिक्षा और बेरोजगारी को हटा कर ही रहेंगे।