प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रस्ताव दिया है कि यदि विश्व व्यापार संगठन (ड़ब्ल्यूटीओ) अनुमति देता है‚ तो भारत कल से ही अपने भंड़ार से खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति दुनिया भर को कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ सोमवार को हुई वर्चुअल बैठक में यह प्रस्ताव रखा। मंगलवार को गुजरात के अड़ालज में श्री अन्नापुर्णाधाम न्यास के छात्रावास एवं शिक्षा परिसर का वीडि़यो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन और जनसहायक ट्रस्ट के हीरामणि आरोग्यधाम का भूमि पूजन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह जानकारी दी। अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि रूस–यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खाद्य भंड़ार कम होता जा रहा है। दुनिया अनिश्चय की स्थिति का सामना कर रही है क्योंकि जिसे जो चाहिए वह मिल नहीं रहा है। खाद्यान्न को लेकर तमाम देशों में चिंताएं बढ़ गई हैं। पेट्रोल‚ तेल‚ खाद की खरीदारी में कठिनाई आ रही है क्योंकि सभी दरवाजे बंद होते जा रहे हैं। रूस–यूक्रेन युद्ध ने लोगों में ऐसा भय पैदा कर दिया है कि हर कोई अपने भंड़ार सुरक्षित करना चाहता है। दुनिया नये संकट के दरपेश है‚ और दुनिया का खाद्य भंड़ार तेजी से खाली हो रहा है। मोदी ने कहा कि भारत के पास अपने लोगों के लिए पर्याप्त खाद्यान्न हैं‚ और अब लग रहा है कि हमारे किसानों ने दुनिया को खिलाने की भी व्यवस्था कर ली है। दरअसल‚ ड़ब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक‚ सरकार द्वारा खरीदा गया गेहूं घरेलू प्रयोग के लिए होता है‚ सरकार उसका निर्यात नहीं कर सकती। भारत के प्रधानमंत्री की यह पेशकश ऐसे समय आई है‚ जब भारत घरेलू मोर्चे पर खुदरा महंगाई दर का दंश झेल रहा है। खुदरा महंगाई दर १७ महीने के शीर्ष स्तर (६.९५%) पर है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। इसके बावजूद भारत ने मदद की पेशकश की है‚ तो इसलिए कि देश में खाद्यान्न अतिरेक की स्थिति है। यह हमारे किसानों की कड़़ी मेहनत का ही नतीजा है। पर्याप्त खाद्यान्न होने के चलते कोरोना महामारी के दौरान बीते दो साल में भारत ने अपने लोगों को भूखे पेट नहीं सोने दिया। अस्सी करोड़़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रहा है‚ जिससे तमाम देश स्तब्ध हैं। युद्ध या आपदाकाल में भारत हमेशा सभी के लिए सुख–शांति की कामना के साथ आगे बढ़कर मददगार भूमिका में रहा और सर्वहित में फैसले लेकर अपनी विश्वसनीय और अनूठी छवि गढ़ी है।
तीसरे चरण से पहले प्रधानमंत्री-खरगे में क्यों छिड़ी लेटर वार?
देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे दौर के मतदान के पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच लेटर वार छिड़ गई...