करोड़ों भारतीयों की आस्था के प्रतीक प्रथम ज्योतिलिंग सोमनाथ को पौराणिक स्वरूप प्रदान करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निश्चय मूर्तरूप लेता नजर आ रहा है। इसके तहत मुगल हमलावरों द्वारा नष्ट किए गए बारह सूर्य मंदिरों को प्रतिस्थापित करने की परिकल्पना को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। खास बात यह है कि सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सपने पर कार्य कर रहा है‚ जिसमें अगले दो दशक की संभावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी हैं।
देश के प्रथम ज्योतिलिंग सोमनाथ को मुगल हमलावरों ने केवल लूटा ही नहीं था‚ बल्कि ध्वस्त भी कर दिया था। भारत के प्रथम गृहमंत्री लौहपुरु ष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मंदिर का पुनरुद्धार कराया था। गुजरात में मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के साथ ही नरेन्द्र मोदी ने इसकी पौराणिक भव्यता को वापस स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया था।
पौराणिक मान्यता के अनुसार‚ सोमनाथ क्षेत्र में मौजूद १२ सूर्य मंदिर भी हमलावरों ने नष्ट कर दिए थे। इन्हें फिर से स्थापित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। सोमनाथ ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह चावड़ा कहते हैं कि इसी कड़ी में सोमनाथ मंदिर के सामने पार्वती मंदिर का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। २१ करोड़ रु पए की लागत से बन रहा सफेद संगमरमर का यह मंदिर अगले दो–तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। इस क्षेत्र में भगवान कृष्ण के मंदिर का निर्माण भी प्रस्तावित है।
सोमनाथ गिर के जिलाधिकारी आरजी गोविल के अनुसार‚ तीर्थ क्षेत्र में प्रस्तावित परियोजनाओं को ध्यान में रखकर सोमनाथ क्षेत्र का मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है ताकि भविष्य में होने वाले सभी कार्य योजनाबद्द्ध तरीके से निश्चित समयावधि में पूरे किए जा सकें। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर ट्रस्ट‚ यहां देवस्थान क्षेत्र के निर्माण की योजना पर भी काम कर रहा है। इसके तहत मंदिर में दर्शन करने के लिए टोकन सिस्टम लागू किया जाएगा। साथ ही यहां एक प्रतीक्षालय का निर्माण किया जाएगा। इसमें एक समय में लगभग सात हजार श्रद्धालु दर्शनों के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर सकते हैं। हमलों की आशंका को ध्यान में रखते हुए जेड़ प्लस सुरक्षा वाले इस ज्योतिलिंग में मोबाइल या तस्वीर खींचना प्रतिबंधित है। श्रद्धालुओं की भावना को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंदिर के साथ पाथ वे बनाने का ड्रीम प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसके तहत मंदिर के दक्षिणी छोर पर सवा किलो मीटर लंबे एक पाथ वे का निर्माण कराया गया है। करीब ४९ करोड़ रु पए की लागत से तैयार पाथ वे पर खड़े होकर दर्शनार्थी मंदिर के साथ अपनी तस्वीर खींच सकते हैं। यह पाथ वे समुद्र की लहरों से मंदिर परिसर की इमारत की सुरक्षा भी करता है।