विधानसभा में जातीय जनगणना से जुड़े सवाल का जवाब नहीं मिलने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोला है। ट्वीट कर उन्होंने मुख्यमंत्री पर इसको लेकर निशाना साधा है। राजद विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में भी इस मुद्दे पर हंगामा किया था। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई।
अपने संसाधन से गणना नहीं कराना चाहती सरकार
तेजस्वी यादव ने प्रश्न के लिए अपने विधायक रामानुज प्रसाद को अधिकृत किया था। लेकिन समयाभाव के कारण उनके प्रश्न का जवाब नहीं मिला। इसपर विधायकों ने नाराजगी जताई। तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी जातीय जनगणना के मुद्दे पर बस जुबानी खर्च करते हैं। यदि उन्हें राज्य के संसाधन से ऐसा कराना होता तो अब तक आदेश पारित कर चुके होते। लेकिन इस मुद्दे पर उनका चेहरा उजागर हो गया है। तेजस्वी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी पूरी राजनीति भाजपा और संघ के पास गिरवी रख चुके हैं। अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराने के लिखित जवाब के बाद आठ महीनों में सीएम से मिलकर, पत्र लिखकर वे जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं। लेकिन सदन में प्रश्न पूछने पर सरकार के पास जवाब नहीं ही नहीं है। इसलिए दो बार से मेरा प्रश्न स्थगित और ट्रांसफर कर दिया जाता है।
राजद विधायकों ने सदन में किया हंगामा
इससे पूर्व सदन में जवाब नहीं मिलने पर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार भाग रही है। इसलिए हमारे प्रश्नों का जवाब नहीं दिया जाता। जातीय जनगणना से सच्चाई सामने आएगी। आलोक मेहता ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक बात है। रामानुज प्रसाद ने बताया कि जातीय आधारित जनगणना के बाद सारे आंकड़े सामने आ जाएंगे तो सरकार की योजनाओंं की लूट खसोट सामने आ जाएगी। जातीय जनगणना से सरकार की योजनाओं का सही लाभ मिलेगा। लेकिन लोगों को मंदिर-मस्जिद में फंसाकर अधिकार से वंचित किया जा रहा है।