बिहार विधानसभा में अब भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के तीनों विधायक अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं. इसके साथ ही अब विधानसभा में जहां वीआईपी पार्टी की वजूद खत्म हो चुकी है वहीं राजद अब विधानसभा में दूसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है. मुकेश सहनी के मंत्री पद पर भी अब खतरा तय है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम सामने आये तो राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. आरजेडी 75 विधायकों के साथ सदन में बैठी. वहीं भाजपा ने राजद से एक सीट कम यानी 74 सीटों पर झंडा गाड़ा था और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने एनडीए के साथ रहकर ही चुनाव लड़ा था. सहनी की पार्टी ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसमें एक विधायक का हाल में ही निधन हो चुका है.
विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कोरोनाकाल में जदयू के दो विधायकों का निधन हो गया तो उपचुनाव कराये गये. लेकिन दोनों सीटों पर जदयू ने ही फिर झंडा गाड़ा. इस तरह जदयू अभी भी 43 विधायकों के साथ विधानसभा में तीसरे नंबर पर बनी हुई है. उधर मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायकों ने अब वीआईपी पार्टी का साथ छोड़ दिया और भाजपा के साथ चले गये. जिसके बाद भाजपा के पास अब 77 विधायक हो चुके हैं. विधानसभा में अब भाजपा के सबसे अधिक विधायक हैं.
मुकेश सहनी को एनडीए ने मंत्री बनाया. विधानसभा चुनाव में अपनी सीट पर हार के बाद भाजपा ने अपने कोटे की सीट से ही मुकेश सहनी को एमएलसी बनाया था. लेकिन यूपी चुनाव और आगामी एमएलसी चुनाव को लेकर सहनी और भाजपा में दूरी बढ़ती गयी. मुकेश सहनी आगामी एमएलसी चुनाव में भी वीआईपी पार्टी की हिस्सेदारी मांगने लगे. भाजपा ने ये स्वीकार नहीं किया. उधर यूपी चुनाव में सहनी ने भाजपा से अलग मैदान सजाया.
दूसरे से पहले नंबर पर पहुंची भाजपा
बिहार विधानसभा में केवल एक विधायक की कमी के कारण दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा अब सीधे पहले नंबर पर पहुंच गई है। 2020 के आम चुनाव में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में भाजपा के 74 विधायक जीत कर आए थे। इस चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी के चार विधायक जीते थे, जबकि खुद सहनी हार गए थे। सहनी को बाद में विधान परिषद के उप चुनाव के जरिए सदन में जाने का मौका मिला। उनके चार विधायकों में से एक बोचहां के निर्वाचित प्रतिनिधि मुसाफिर पासवान का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनके शेष तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसी के साथ भाजपा के पास अब बिहार में 77 विधायक हो गए हैं।
जदयू तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर
बिहार विधानसभा में अब राजद 75 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर, जदयू 46 के साथ तीसरे नंबर पर, कांग्रेस 19 विधायकों के साथ चौथे नंबर पर, 12 विधायकों वाली भाकपा माले पांचवें नंबर पर, ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम पांच विधायकों के साथ छठे नंबर पर और जीतन राम मांझी की पार्टी हम चार विधायकों के साथ सातवें नंबर पर है। इसके अलावा भाकपा और माकपा के दो-दो विधायक हैं। जदयू ने पिछले चुनाव में 45 सीटें ही जीती थीं, लेकिन बाद में लोजपा के इकलौते विधायक को शामिल कराने के बाद उनके पास 46 की संख्या हो गई।
मुकेश सहनी को छोड़ भाजपा में गये सभी विधायक, विधानसभा में VIP का वजूद खत्म,
यूपी चुनाव में मुकेश सहनी ने पीएम मोदी और सीएम योगी के ऊपर जमकर हमला बोला, जो भाजपा को पसंद नहीं आया. वहीं भाजपा ने इस बार समझौता स्वीकार नहीं करते हुए बोचहां सीट पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवार उतार दिये. जिसके बाद मुकेश सहनी खुलकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी करने लगे. अब उनके तीनों विधायक भाजपा के साथ खड़े हो चुके हैं जिसके बाद सहनी का खेल एनडीए से पूरी तरह खत्म हो चुका है.