पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव को लालू-तेजस्वी यादव की पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। शरद यादव इन दिनों गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं। इस साल जुलाई में बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं, जिसमें दो सीटें भाजपा, एक सीट जीडेयू और दो सीटें राजद के पास जाएगी। इसको लेकर कुछ दिनों पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात भी शरद यादव से दिल्ली में हुई है।
बताया जाता है कि तेजस्वी ने शरद यादव को राज्यसभा भेजने का आश्वासन भी दिया है। दूसरी तरफ शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय आज औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल के साथ करेंगे। जदयू से अलग होकर शरद यादव ने 2018 में अपनी पार्टी का गठन किया था।
शरद यादव ने क्या कहा, जानिए
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा है कि पार्टी का विलय आगामी 20 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल में किया जाएगा। पूरे देश और आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार को एक साथ लाने के मेरे नियमित प्रयासों की पहल के रूप में यह कदम जरूरी हो गया है।
शरद यादव का आवास पशुपति कुमार पारस को आवंटित किया गया है
बता दें कि कि 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ा और एनडीए के साथ फिर से गए तो शरद यादव ने उनका साथ देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद जेडीयू ने शरद यादव की राज्यसभा की सदस्यता समाप्त करा दी थी, लेकिन शरद यादव ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे दी। कोर्ट ने शरद यादव से कहा कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक वे दिल्ली के 7 तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगला में रह सकते हैं।
अब शरद यादव का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होने वाला है। दिल्ली का 7 तुगलक रोड पर स्थित सरकारी बंगला केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस को आवंटित भी किया जा चुका है।
लालू प्रसाद और जीतन राम मांझी ने शरद यादव के प्रति हमदर्दी दिखाई थी
कुछ माह पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शरद यादव से मुलाकात के बाद कहा था कि नीतीश कुमार या लालू प्रसाद को चाहिए कि वे शरद यादव को राज्यसभा भेजें। शरद यादव ने लंबे समय तक बिहार की सेवा की है। दिल्ली में रहने के लिए शरद यादव के पास दूसरा आवास नहीं है। पिछले साल अगस्त माह में लालू यादव ने भी नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी। तब मीडिया से बात करने करते हुए लालू प्रसाद ने कहा था कि शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद में नहीं रहने से अब संसद सुनी हो गई है।
लालू प्रसाद की धारा को मजबूत करेंगे !
शरद यादव उन नेताओं में रहे हैं जो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ रहे, लेकिन नीतीश कुमार से राजनीतिक रिश्ते खराब होने के बाद शरद यादव अलग-थलग पड़ गए थे। गंभीर रुप से बीमार होने की वजह से भी उनकी राजनीतिक गतिविधियां काफी कम गई थीं। अब वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। शरद यादव ने तय किया है कि वे लालू प्रसाद की धारा को मजबूत करेंगे और इसके लिए अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय करेंगे।
बदले में राजद उन्हें राज्यसभा भेजेगी। राजनीति में कई बड़े नेताओं के साथ यह दिखता रहा है। बिहार में उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा का विलय जदयू में कर दिया और बदले में उन्हें एमएलसी बनाया गया। साथ ही जदयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया।