बिहार का लखीसराय जिला इन दिनों राज्य की राजनीति में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। राज्य की सबसे बड़ी पंचायत में यहां की क्राइम से लेकर राजनीतिक हलचल आए दिन गर्माहट बढ़ा रही है। लखीसराय में क्राइम के बढ़ते ग्राफ के मुद्दे ने इतना तूल पकड़ा कि राजनीतिक गलियारे में सरकार के गिर जाने तक की चर्चा शुरू हो गई। इन सबसे इतर एक चर्चा यहां के सांसद और विधायक के ‘आन’ की भी है। दरअसल लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार का मामला अब सांसद वर्सेज विधायक हो गया है। क्षेत्र में इस बात की चर्चा तेज है कि सांसद ललन सिंह, जो कि JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, उनके कारण विधानसभा अध्यक्ष जो कि लखीसराय के विधायक भी हैं, की बात नहीं सुनी जा रही है।
पहले उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई। उनकी शिकायत के एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी SDPO वहां जमे हुए हैं। कार्रवाई के नाम पर केवल दो थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया, जबकि मामला विधानसभा के विशेषाधिकार समिति मे पहुंच गया है। वहां से तीनों पुलिसकर्मियों को जांच पूरी होने तक सस्पेंड रखने की मांग की गई थी।
सांसद के करीबी पर कार्रवाई नहीं करने का है आरोप
विवाद केवल इतना ही नहीं है। सरस्वती पूजा के दौरान कोरोना गाइडलाइन तोड़ने के आरोप में जिस गौतम नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था, उसे विधानसभा अध्यक्ष का आदमी बताया जा रहा है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि के रूप में शामिल जिस प्रमुख पर कार्रवाई की बात कही जा रही है, वे सांसद के करीबी बताए जाते हैं। चर्चा इस बात की भी है कि यही कारण है कि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस का विवाद से इतर है अपना पक्ष
वहीं इस पूरे विवाद में पुलिस खुद को पाक साफ बता रही है। सूत्रों के मुताबिक कोरोना के दौरान कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी मिलते ही पुलिस वीरुपुर टाल में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर पहुंची थी। लेकिन लोगों का भारी विरोध देखकर लौट गई थी। अगले दिन तीन लोगों पर नामजद FIR दर्ज कर गौतम नाम के युवक को गिरफ्तार भी की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष बचाना चाहते थे।
जानिए, क्या है पूरा मामला
सरस्वती पूजा के दौरान बड़हिया के टाल क्षेत्र में आर्केस्ट्रा के आयोजन के बाद कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का केस पुलिस ने दर्ज किया था। उस मामले में पुलिस ने आयोजक मंडली में शामिल एक युवक गौतम कुमार सहित दो लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इसके बाद विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष आयोजक और उद्घाटन कर्ता पर कार्रवाई न करके दर्शक को गिरफ्तार करके जेल भेजने का आरोप पुलिस पर लगाया था। विधानसभा अध्यक्ष का आरोप था कि मामले की जानकारी लेने के दौरान उक्त तीनों पुलिस पदाधिकारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
वीरुपुर थानाध्यक्ष पर बरसे थे विधानसभा अध्यक्ष, बोले राजनीति मत करिए……
बिहार विधानसभा अध्यक्ष सह क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा बड़हिया में थे। वे अपने अंदाज में एक बार फिर पुलिस को ही निशाने पर रखा। हर बार की तरह बालू और दारू के मुद्दे पर बड़हिया थानाध्यक्ष को सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाई। जबकि सरस्वती पूजा में प्रतिबंध के बावजूद आर्केस्ट्रा के आयोजन पर पुलिस की ओर से दर्ज केस के बाद दो युवकों की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने वीरुपुर थानाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि आर्केस्ट्रा के आयोजक और उद्घाटन कर्ता कौन थे। आखिर उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट कहा कि निर्दोष और मेरे लोगों को राजनीतिक चश्मे से न देखें। वे स्थानीय डाक बंगला में कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद प्रेस से भी बातचीत कर रहे थे। वीरुपुर थानाध्यक्ष से कहा कि वायरल वीडियो के आधार पर दर्शक को जेल भेज देना कहां का औचित्य है। कार्यक्रम के वायरल वीडियो में स्टेज पर राइफल लेकर बैठे लोगों एवं नृत्य कराने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। गिरफ्तार गौतम महतो एवं अमित महतो कार्यकर्ता हैं जो नृत्य देखने गए थे। दोनों को घर से बुलाकर जेल भेज दिया गया। विजय सिन्हा ने सवाल किया कि जब आपके क्षेत्र में उक्त आयोजन हो रहा था तब आपलोग कहां थे। इस तरह के थानाध्यक्ष को फील्ड में नहीं रहना चाहिए। मैं इसपर मुख्यमंत्री एवं डीजीपी से बात करेंगे कार्रवाई करने की मांग करूंगा।