साम्राज्यवादी रूस के यूक्रेन पर विध्वंसकारी हमले के विरुद्ध जुझारू शांति आंदोलन तेज करने के संकल्प के साथ ऑल इंडिया एंटी इंपिरियलिस्ट फोरम (एआईएआईएफ) ने शनिवार को शांति मार्च निकाला और सभा की। शांति मार्च व सभा विश्व शांति आंदोलन के महान योद्धा व सोवियत संघ के नेता स्टालिन की पुण्यतिथि पर आयोजित की गई। शांति मार्च बुद्ध स्मृति पार्क से रेडियो स्टेशन तक निकाला गया। इसमं बुद्धिजीवी‚ समाजसेवी‚ छात्र–नौजवान एवं महिलाएं शामिल हुइ। मार्च निकालने से पूर्व बुद्ध स्मृति पार्क स्थल पर सभा की गई। सभा को संबोधित करने वालों में एसयूसीआई (सी) के केंद्रीय कमेटी सदस्य एवं एआईयूटीयूसी के अखिल भारतीय सचिव मंडल सदस्य अरुण कुमार सिंह‚ इतिहासकार एवं पटना विवि के पूर्व प्राध्यापक प्रो. ओपी जायसवाल‚ अर्थशास्त्री एवं पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. एनके चौधरी‚ पटना कॉलेज के इतिहास विभाग के प्राध्यापक प्रो. सतीश कुमार‚ चिकित्सक ड़ॉ. पीएनपी पाल‚ साहित्यकार‚ रंगकर्मी‚ सेवानिवृत्त बैंक कर्मी अरुण शाद्वल‚ सामाजिक कार्यकर्ता उदयन‚ साधना मिश्रा‚ सेवानिवृत्त शिक्षक एमके पाठक‚ मजदूर नेता एवं एआईयूटीयूसी के बिहार सचिव सूर्यकर जितेंद्र‚ ऑल इंडिया एंटी इंपिरियलिस्ट फोरम बिहार चैप्टर के संयोजक इंद्रदेव राय आदि प्रमुख थे। संबोधन में वक्ताओं ने एक स्वर से कहा जिस सोवियत संघ के नेता विश्व शांति आंदोलन के महान योद्धा स्टालिन ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के पूर्ण निशस्त्रीकरण का प्रस्ताव दिया था‚ वही रूस आज समाजवाद से पतित होकर पूंजीवादी– साम्राज्यवादी अर्थव्यवस्था के रास्ते पर चलकर हमलावर हो चुका है। वक्ताओं ने कहा कि विश्व पूंजीवाद साम्राज्यवाद अपने घोर आर्थिक संकट से उबरने के लिए युद्ध कराता है। इसीलिए हर पूंजीवादी–साम्राज्यवादी देश अर्थव्यवस्था का सैन्यकरण करने में लिप्त है और उसे हथियार खपत करने के लिए युद्ध चाहिए। वक्ताओं ने सवालिया अंदाज में कहा कि पूंजीवादी–साम्राज्यवादी देशों के नेता दुनिया को समाजवादी और पूंजीवाद दो ध्रुवीय बटे रहने के चलते युद्ध उन्माद और युद्ध की बात करते थे‚ लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया एक ध्रुवीय हो गई है। फिर युद्ध क्यों हो रहे हैं। हर तरफ युद्ध और युद्ध उन्माद का वातावरण बना हुआ है। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि जब तक साम्राज्यवाद पूंजीवाद का प्रभाव कायम रहेगा‚ तब तक आर्थिक संकट से उबरने के लिए बाजार की छीना–झपटी के लिए युद्ध का खतरा बना रहेगा। दुनिया की मेहनतकश आम जनता अपने सरकार से पूर्ण निशस्त्रीकरण की मांगों को लेकर जुझारू शांति आंदोलन तेज करने का आह्वान किया। भारतीय छात्रों को अविलंब सुरक्षित लाने‚ अविलंब युद्ध बंद करने‚ रूसी सैनिक यूक्रेन छोडें‚ युद्ध नहीं‚ रोटी और रोजगार देने‚ शांति स्थापित करने‚ युद्ध की जननी पूंजीवाद–साम्राज्यवाद का नाश करने‚ दुनिया के मेहनतकशों और आम आवाम से शांति आंदोलन तेज करने तथा दुनिया को हथियार मुक्त करने की मांग की।
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